प्रयागराज (ब्‍यूराे)। एक सिपाही पर दो हजार लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। हैरान हो गए न। अब आसानी से समझा जा सकता है कि एक सिपाही दो हजार लोगों को कैसे सुरक्षा दे सकता है। जाहिर है कि थाने सिपाहियों की कमी से जूझ रहे हैं। अपराध हो जाने पर संबंधित थाना क्षेत्र में ही आसपास के थानों से फोर्स बुलानी पड़ती है। ऐसे में अब वो दिन दूर नहीं जब अपराधियों की नकेल और कस जाएगी। प्रदेश सरकार ने सिपाहियों की भर्ती प्रकिया शुरू कर दी है। प्रदेश में साठ हजार सिपाहियों की भर्ती होनी है। अगर प्रदेश सरकार ने सिपाही भर्ती प्रक्रिया को अमली जामा पहना लिया तो फिर थानों में सिपाहियों की संख्या बढ़ जाएगी। नई भर्ती होने के बाद एक सिपाही पर तकरीबन 1600 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हो जाएगी। सिपाहियों की संख्या बढऩे पर पुलिसिंग टाइट करने में मदद मिलेगी। जिससे अपराधियों की धरपकड़ भी तेज हो सकेगी।


प्रयागराज में बढ़ जाएगी सिपाहियों की संख्या
मौजूदा समय में पुलिसिंग को टाइट करने के लिए सिपाहियों की संख्या बढ़ाना जरुरी है। मौजूदा समय में दो हजार लोगों पर एक सिपाही तैनात है। जिले की अनुमानित आबादी करीब साठ लाख है। और जिले में थानों और 112 नंबर डॉयल में तैनात सिपाहियों की संख्या मिलाकर करीब तीन हजार है। जिले में 42 थाने हैं। ऐसे मेें जनसंख्या को देखते हुए एक सिपाही पर करीब दो हजार लोगों की निगहबानी की जिम्मेदारी है। जोकि कि काफी मुश्किल काम है। इसके बावजूद थानों पर तैनात फोर्स क्राइम कंट्रोल करने का प्रयास करती है।

42 थाने हैं प्रयागराज जिले में।
03 हजार सिपाही तैनात हैं थाने, डॉयल 112 में
60 लाख आबादी है जनपद की।
01 सिपाही पर है दो हजार लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
08 सौ सिपाही बढ़ जाएंगे नई भर्ती होने पर।
01 सिपाही पर हो जाएगी 16 सौ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी


एक थाने में तैनात हैं पचास सिपाही
जिले में 42 थाने हैं। औसतन महिला और पुरुष मिलाकर एक थाने में पचास सिपाही तैनात हैं। इन सिपाहियों की ड्यूटी थाने और थाने से संबंधित चौकी में रहती है। इन सिपाहियों में से एक चौथाई सिपाही सरकारी कागजात का कोरम पूरा कराने में ही अपनी ड्यूटी देते रहते हैं। बाकी के सिपाही पेट्रोलिंग और पिकेट ड््यूटी में रहते हैं।

छुट्टी मिलने में होगी आसानी
वर्तमान में सिपाहियों को छुट्टी मिलने में बहुत दिक्कत होती है। सिपाहियों की संख्या में इजाफा होने पर उन्हें छुट्टी मिलने में आसानी होगी। पुलिस लाइन में छुट्टी के एप्लीकेशन की भरमार रहती है। मगर फोर्स कम होने की वजह से सिपाहियों को छुट्टी मिलना मुश्किल होता है।