ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में जुलाई के दूसरे सप्ताह में ही छात्रसंघ चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति कई सवाल खड़े कर रही है। यूं तो इविवि प्रशासन चुनाव अधिकारी की नियुक्ति को राजनीति की नर्सरी के लिए अपना समर्पण बताकर प्रचारित कर रहा है। लेकिन, छात्रों का एक तबका इविवि प्रशासन की भलमनसाहत को दूसरे ही चश्मे से देख रहा है। छात्र इसे निवर्तमान छात्रसंघ पदाधिकारियों के आन्दोलन की धार को कुंद करने के रूप में भी देख रहे हैं।

नियुक्ति पर बमका छात्रसंघ

लास्ट सेशन के निर्वाचित छात्रसंघ और वाइस चांसलर के बीच लम्बे समय से चली आ रही खींचतान जगजाहिर है। इधर पिछले कुछ समय से छात्र प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बडि़यों को लेकर आन्दोलित हैं। इसके लिए आगामी 14 जुलाई महत्वपूर्ण तिथि मानी जा रही थी। लेकिन इससे पहले ही चुनाव अधिकारी की घोषणा ने पूरे समीकरण ही बदल कर रख दिए हैं। इस बावत निवर्तमान छात्रसंघ उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने मीडिया में विस्तृत बयान जारी करके वीसी प्रो। आरएल हांगलू के खिलाफ ताल ठोंक दी है। उन्होंने कहा है कि वीसी की मंशा साफ नहीं है। प्रवेश परीक्षा की गड़बडि़यों से छात्रों का ध्यान भटकाने के लिए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति की गई है। विक्रांत का कहना है कि अभी बीए का प्रवेश शुरू नहीं हुआ। विधि की परीक्षाएं होनी हैं। पीजीएटी रिजल्ट के आसार नहीं हैं। आई कार्ड भी नहीं बन पाए हैं। ऐसे में चुनाव अधिकारी की नियुक्ति समझ से परे है।