ALLAHABAD:

ऑफिस में हुई मार्निग मीटिंग में चाय पर चर्चा का टॉस्क मिला तो सोचा क्यों न आज वहां चलें, जहां कभी राजनीतिक चर्चा में शामिल होने वालों ने बाद में देश का प्रतिनिधित्व तक किया। बस फिर क्या था पहुंच गया सिविल लाइंस के सबसे फेमस राजनीतिक केंद्र और ऐतिहासिक बिल्डिंग काफी हाउस। वहां पहुंचते ही लगा यहां तो पूरा माहौल ही राजनीतिक है। यहां बैठे लोगों के बीच हो रही जुबानी जंग में बेबाकी साफ नजर आई। तो क्या रहे मुद्दे और क्या निकला नतीजा

अरे यार इस बार भी मोदी का जादू यूपी में चलना तय मानो। मोदी ने आम आदमी की भलाई के लिए लगातार काम किया। ये कहते हुए अनुराग तिवारी ने काफी का कप टेबल पर रखा। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बोले, लंबे टाइम के बाद ऐसा प्रधानमंत्री मिला है, जो देश और जनता के बारे में सहीं ढंग से सोच रहा है और काम भी कर रहा है। वे अभी आगे बोलते तभी एक तरफ से आवाज आई, मोदी सिर्फ झूठ बोल कर ताली पीटते और पिटवाते हैं। सबने चौंक कर उधर देखा तो पता चला ये आवाज केपी सिंह की थी। उन्होंने कहा कि तीन साल से मोदी का करिन इ खाली बताय देयव। कभी मन की बात, कभी ओके बात। बस यही करत चले आ रहे हैं। एसे लाख गुना अच्छी सरकार मायावती के रही। कम से कम कुछ करत तो रही। हां बहुत सही कह रहे हो, ये कहते हुए मो। अयूब चर्चा में शामिल हुए तो लगा एक और मायावती समर्थक बोलने वाला है, लेकिन उन्होंने तो ट्रैक ही बदल दिया। बोले अगर विकास की बात करें तो अभी तक अखिलेश जैसा सीएम प्रदेश को नहीं मिला। अखिलेश ने पांच सालों में सही मायने में काम किया है। यह काम तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब इसके लिए उन्होंने लगातार अपनों का ही विरोध झेला। यदि उन्हें खुलकर काम करने का मौका मिला होता तो आज प्रदेश की तस्वीर कुछ और होती। मायावती को मूर्ति बनवाने से फुर्सत कहां मिलती है। इस बार फिर से सरकार में आयीं तो लखनऊ के बाद दूसरे शहरों में भी अपनी मूर्तियां लगवाने में जुट जाएंगी। पांच साल तक यही क्रम चलता रहेगा। इ बात तो सही कहे अयूब भाई। ये बोलते हुए अनुराग तिवारी बीच में कूदे। वे बोले, जाउन लोग बिना पढ़े बोल नै सकते उ लोग जनता के लिए केतना काम करिहैय इ सबका पता है। चर्चा पीक पर थी और काफी देर से चुप बैठे एसके अग्रवाल को महसूस हुआ कि अब उन्हें भी कुछ कहना चाहिए, वे बोले यार बात चाहे जो बोलो, लेकिन इ भी एक दम सही है कि अबकी बार कोउनाव का पूर्ण बहुमत तो मिलैय से रहा। मिली जुली सरकार बनी। चाहे कोउनाव कितना तारीफ कर ले आपन। लेकिन होई यही। अबकी बार कोईका बहुमत ना मिली। अबही सब आपन ख्याली पुलाव पकावैय में लगे हैं। केतना दिन बचा है अब सब साफ होई जाई।

इस बार जो माहौल बना भवा है ओके हिसाब से तो गठबंधनैय की सरकार बनी। फिर चाहे कोई पार्टी चुनाव बाद कोई से गठबंधन बनाय लेय। इ भी 11 मार्च के गिनती के बाद में पता चली जाई।

एसपी जयसवाल

मोदी बहुत अच्छे नेता है। उनकी सोच बहुत अच्छी है। लेकिन देश को काम भी तो चाहिए। नोटबंदी को माइनस कर दें तो अब मोदी ने कोई ऐसा डिसीजन नहीं लिया जिस पर चर्चा हो सके।

आरए यादव

अगर कहीं चुनाव बाद बीजेपी और बीएसपी ने मिलकर सरकार बनाय लिहिस तो इ मान के चलो कि सत्ता के चाभी मायावती के हाथ में ही रही। काहे से की मायावती ऐसे समझौता नै करिहैं।

संदीप कुमार

टी प्वाइंट

इस बार फिर यूपी में मोदी का जादू चलेगा, पहली बार देश को ऐसा पीएम मिला है जो सबके बारे में सोचता है

नोटबंदी को छोड़ दिया जाए तो मोदी ने अब ऐसा कोई डिसीजन नहीं लिया जिस पर चर्चा की जा सके

यदि चुनाव बाद कहीं बीजेपी और बीएसपी में गठबंधन हुआ तो चाभी मायावती के हाथ में रहेगी