-यूपीटीयू से जुड़े शिक्षण संस्थानों में निर्धारित हैं कोटे की सीटें

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) से जुड़े सात सौ से ज्यादा कॉलेजेस में एडमिशन के लिए लाखों अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में यूपीटीयू ने एडमिशन प्रॉसेस शुरू करने की तैयारियों को अंतिम रूप देना भी शुरू कर दिया है। यूपीएसईई ख्0क्भ् के तहत विभिन्न कोर्सेस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के पास कोटे के जरिए मिलने वाले एडमिशन का भी मौका होगा।

ख्0 फीसदी सीटें जेईई मेंस से

यूपीटीयू से सम्बद्ध प्रदेशभर के निजी शिक्षण संस्थानों में संचालित कोर्सेज में एडमिशन के लिए अभ्यर्थियों के पास मैनेजमेंट कोटे की सीटों में दाखिले का अवसर होगा। प्राईवेट इंस्टीट्यूशंस में मैनेजमेंट कोटे की सीटों की संख्या कुल सीटों का क्भ् प्रतिशत होती है। शेष बची सीटें यूपीएसईई की ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से भरी जाती हैं। इसके अलावा ख्0 फीसदी सीटें जेईई मेंस ख्0क्भ् की मेरिट के आधार पर भरी जाती हैं। इसमें क्0 फीसदी सीटें यूपी के डेमोसाइल अभ्यर्थियों की स्टेट मेरिट तथा शेष क्0 फीसदी सीटें ऑल इंडिया मेरिट के आधार पर भरी जाएंगी।

इकोनॉमिकली वीक स्टूडेंट से शुल्क नहीं

अप्रवासी भारतीय अभ्यर्थी भी राजकीय एवं राज्य सहायता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजेज तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में प्रवेश ले सकते हैं। इनकी पांच फीसदी सीटें मेरिट के आधार पर भरी जाती हैं। इन्हें प्रवेश परीक्षा में शामिल होने से मुक्त रखा गया है। कश्मीरी विस्थापितों को भी प्रवेश परीक्षा से मुक्त रखा गया है। इनके प्रवेश की संख्या प्रत्येक संस्थान में एक तक सीमित रखी गई है। इसके अलावा संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स के एडमिशन की भी बाध्यता रखी गई है। इनके लिए संस्थानों में प्रवेश क्षमता से पांच फीसदी अधिकतम सीटें निर्धारित हैं। इन अभ्यर्थियों से शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके लिए उन्हें काउंसलिंग के समय आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

आरक्षित सीटें भी हैं

इसके अलावा कोर्सेस में एडमिशन के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी रखी गई है। इसमें अनुसूचित जाति को ख्क् फीसदी, अनुसूचित जनजाति को दो फीसदी और ओबीसी को ख्7 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। क्षैतिज आरक्षण के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को दो प्रतिशत, शारीरिक रूप से नि:शक्त जनों के लिए तीन प्रतिशत, महिलाओं के लिए ख्0 प्रतिशत सीटें निर्धारित हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त अथवा अपंग रक्षा कर्मियों अथवा युद्ध में मारे गए रक्षा कर्मियों अथवा उत्तर प्रदेश में तैनात रक्षा कर्मियों के पुत्र पुत्रियों के लिए पांच फीसदी सीटें हैं।

ग्रामीण एरिया वालों को भी लाभ

उधर, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले अभ्यर्थियों को अधिमान अंक दिए जाने की व्यवस्था रखी गई है। सामान्य श्रेणी के ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने अर्हकारी परीक्षा उत्तर प्रदेश के किसी ग्रामीण क्षेत्र में स्थित संस्थान से पास की है। उन्हें प्रवेश परीक्षा में प्राप्त कुल अंकों में तीन प्रतिशत अधिमान अंक का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थी के अर्हकारी परीक्षा से संबंधित संस्थान का ग्राम पंचायत के क्षेत्र में होना जरूरी है। इसके लिए अभ्यर्थी को काउंसलिंग के समय प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

यूपीटीयू रन करता है यह कोर्सेज

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- चार वर्षीय बीटेक पाठ्यक्रम

- चार वर्षीय बी फार्मा

- पांच वर्षीय बी आर्क

- चार वर्षीय बीएचएमसीटी कोर्स

- पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एमएएम कोर्स

- चार वर्षीय बीएफएडी कोर्स

- चार वर्षीय बीएफए कोर्स

- तीन वर्षीय एमसीए

- दो वर्षीय एमबीए