प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पीडीए के द्वारा बनाए गए अलकनंदा अपार्टमेंट में फ्लैट की रजिस्ट्री का वादा अफसरों ने एक बार फिर रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। यह वादा प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसरों द्वारा मानवाधिकार आयोग से किया गया था। आयोग अध्यक्ष से मिली फटकार के बाद अधिकारियों ने पैसा जमा करने वालों के सामने वादा किया था। आयोग के द्वारा रजिस्ट्री के लिए दी गई डेट पर काम नहीं शुरू हुआ तो लोगों के सपने फिर से मुरझा गए। अफसरों की इस वादा खिलाफी को लेकर अब फ्लैट के लिए लाखों रुपये जमा करने वालों में रोष बढऩे लगा है। फ्लैट की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे लोग अब यह कहने को मजबूर हो गए हैं कि विभाग केवल उन्हीं लोगों से ही नहीं मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी झूठ बोलता है।

अब कहां लगाएं गुहार
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने गोविंदपुर में अलकनंदा अपार्टमेंट स्कीम 2014 में लांच की थी। प्लान और योजना के तहत अपार्टमेंट तैयार करने के लिए टेंडर प्राइवेट संस्था को दे दिया गया। अलकनंदा के नाम से तैयार किए जा रहे इस अपार्टमेंट में कुल दो ब्लाक में 140 फ्लैट बनने हैं। फ्लैट तैयार हो रहे थे तो वर्ष 2014 से 2016 के बीच लोगों से पूरा पैसा जमा करा लिया गया। वादा किया गया था कि 2016 तक फ्लैट की चाबी सौंप दी जाएगी। अब 2023 बीतने में चंद दिन शेष रह गये हैं और न फ्लैट मिला है और न रजिस्ट्री की गयी। पीडीए को 50 लाख रुपये तक का भुगतान कर चुके लोग किराए पर रहने को मजबूर हैं। उन्हें लोन की किश्त भी भरनी पड़ रही है और मकान का किराया भी पे करना पड़ रहा है।

बीत गए पांच दिन नहीं हुई रजिस्ट्री
दिन बीतते गए और पीडीए से प्रॉपर रिस्पांस नहीं मिला तो फ्लैट ओनर्स ने मानवाधिकार आयोग व रेरा में शिकायत की। रेरा में मुकदमा करने वालों की डिमांड है कि जितना पैसा वे जमा किए हैं उन्हें उसका ब्याज दिलाया जाए।
फ्लैट ओनर्स की शिकायत पर पिछले दिनों मानवाधिकार आयोग की टीम यहां पहुंची। अध्यक्ष ने 21 दिसंबर से फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू कराने के निर्देश सचिव को दिए थे।
रजिस्ट्री का काम 15 जनवरी तक कराया जाना है। लेकिन, आज तक रजिस्ट्री पर ही बात नहीं हुई।
विभाग ने रजिस्ट्री के लिए न तो किसी बुलाया और ही न ही दिया और न ही वादे के अनुरूप रजिस्ट्री का काम शुरू कराया गया।
फ्लैट ओनर्स का कहना है कि 29 जनवरी को मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष ने रजिस्ट्री की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। वे वादाखिलाफी के बारे में मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष को बताएंगे।
इस बाबत जानकारी के लिए वीसी पीडीए के मोबाइल पर कॉल किया गया, मगर पूरी बेल जाने के बावजूद उनका फोन रिसीव नहीं हुआ और न उन्होंने कॉल बैक किया।

पीडीए लगातार वादाखिलाफी करता आ रहा है। मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष के सामने 21 दिसंबर से फ्लैट रजिस्ट्री का वादा खुद पीडीए सचिव ने किया था। पांच दिन बीत गए और आज तक किसी की रजिस्ट्री नहीं की गई। इससे पीडीए अफसरों की मंशा पर प्रश्न चिन्ह तो लग रही रहा, मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना भी हो रही है।
आदित्य कुमार सिंह अध्यक्ष अलकनंदा अपार्टमेंट संघर्ष समिति