जल्दबाजी में की थी शादी

मेरी बेटी बीएचयू से बीएफए की पढ़ाई कर रही थी। चार साल के कोर्स में उसने सेकेंड इयर में ही क्लास टॉप किया। इसी बीच हम पर रिश्तेदारों ने उसकी शादी का प्रेशर बनाना शुरू कर दिया और हमने जल्दीबाजी में शादी कर दी। लेकिन इसी जल्दबाजी ने हमारी सारी खुशियां छीन ली। और नतीजा आपके सामने है। उसे दहेज की बलि चढ़ा दिया गया। सब कुछ पुलिस के सामने था। बावजूद इसके पुलिस ने सास और ननद को अरेस्ट नहीं किया। हमें सिर्फ कोरा आश्वासन मिल रहा है। अब हम आपसे गुहार लगा रहे हैं।

कैसे मिलेगा इंसाफ

संडे को प्रत्यूषी के मां-पिता ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उक्त बातें शेयर की। बताया कि 7 दिसंबर 2012 को प्रत्यूषी की शादी अतरसुइया के रहने वाले प्रतीक के साथ की थी। 10 महीने के अंतराल में ससुराल वालों ने उसे सिर्फ दो बार मायके जाने दिया। जब भी कोई कॉल करता तो सास सामने खड़ी हो जाती उसे फोन पर बात करने तक की इजाजत नहीं थी। नवरात्रि में उसकी विदाई होनी थी, लेकिन उसके पहले ही उसे बेरहमी से मार डाला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मर्डर के साथ-साथ उसके बॉडी पर मिले चोट के निशान ये बयां करने के लिए पर्याप्त हैं, कि उसे कितनी बेरहमी से मारा गया। पुलिस के सामने बॉडी थी और हत्यारे भी। लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने सास और ननद को अरेस्ट नहीं किया। जब हमने विरोध करते हुए रोड जाम किया तो सीओ बैरहना नीति द्विवेदी ने 24 घंटे के अदंर अरेस्टिंग की बात कही थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस जान कर भी अंजान बनी हुई है। अब सिर्फ मीडिया का ही सहारा है। हम बस अपनी बेटी को इंसाफ दिलाना चाहते हैं.इस मामले में पुलिस प्रत्यूषि के पति और ससुर को जेल भेज चुकी है।