मंदिरों में हुए विशेष अनुष्ठान, दिन भर चला पूज अर्चना का दौर

ALLAHABAD: नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मां भगवती के महागौरी स्वरूप का श्रृंगार-पूजन विधि विधान से हुआ। देवीधामों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां का पूजन कर उनसे सौभाग्य, धन, संपदा, सुख-शांति की कामना की। सुबह दुर्गा सप्तशती का पाठ कर मां की स्तुति हुई। विभिन्न देवी मंदिरों में विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। शाम को भजन-कीर्तन से मां की महिमा का गुणगान किया।

मां ललिता का हुआ भव्य श्रृंगार

महासिद्धपीठ मां ललिता देवी मंदिर में रविवार को मां के महागौरी स्वरूप का श्रृंगार किया गया। मंदिर समिति के संरक्षक संजीव अग्रवाल के नेतृत्व में जनकल्याण के लिए चल रहे शतचंडी यज्ञ में आहुतियां डाली गई। नवरात्र की अष्टमी तिथि पर रत्‍‌नजडि़त आभूषणों से मां के महागौरी स्वरूप का श्रृंगार-पूजन हुआ। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार पाठक के नेतृत्व में कमल के पुष्प पर आसीन मां के चतुर्भुजी स्वरूप की शाम को महाआरती उतारी हुई। मां अलोप शंकरी मंदिर में विशाल मेला लगा। मंदिर प्रवक्ता आचार्य भालचंद्र ने बताया भक्तों ने मां के पालने में मत्था टेककर स्वयं के कल्याण की कामना की। प्रबंधक रामसेवक गिरि ने जनकल्याण को शतचंडी यज्ञ कराया।

कन्या पूजन कर मांगा आर्शीवाद

नवरात्र के अष्टमी के अवसर पर कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। इसी कारण बड़ी संख्या में सप्तमी को व्रत रखने वाले लोग अष्टमी को कन्या पूजन करते है। रविवार को घरों में लोगों ने विधि विधान के साथ कन्याओं का पूजन किया और उनको प्रसाद ग्रहण कराया। इसके बाद उनको यथा शक्ति मुद्रा देकर विदा किया और आर्शीवाद प्राप्त किया।