- आधुनिक तरीकों को अपनाने के बाद अब गोदभराई और अन्नप्राशन की रस्म अदा होगी

- आंगनबाड़ी केंद्रों पर अदा की जाएगी रस्म, सेहत बनाने के प्रति किया जाएगा जागरूक

BAREILLY:

कुपोषण की रोकथाम के लिए शासन एक आकर्षक योजना ले आया है, इंडियन सिस्टम स्ट्रेथिंग एंड न्यूट्रिशन इंप्रूवमेंट प्रोग्राम तहत आंगनबाड़ी पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म अदा करायी जाएगी। इतना ही नहीं बच्चा पैदा होने के बाद अन्नप्रासन की रस्म भी पूरी होगी।

केंद्रों पर होगी गोदभराई

आईएसएसएनआईपी के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर पर अब कुपोषण पर करारा वार करने की योजना सरकार ने बनाई है। बच्चों को प्री स्कूल एजुकेशन के साथ ही पुष्टाहार वितरित किया जाता है। साथ ही, प्रेग्नेंट लेडीज के लिए भी पौष्टिक आहार दिए जाता है। इन्हीं सब के साथ ही अब केंद्रों पर प्रेग्नेंट लेडीज की गोद भराई और साल भर तक के बच्चों के लिए अन्नप्राशन की रस्में भी अदा कराई जाएगी। इसमें प्रेग्नेंट लेडीज को स्वास्थ्य संबंधी सारी योजनाओं समेत जच्चे को स्वस्थ बनाए रखने की विधियां और डायट बताई जाएगी। वहीं, साल भर तक के बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाया जाने की योजना है।

कैसे होगा करारा वार

बता दें कि हाल ही में पोषण मिशन के तहत गरीब तबके की प्रेग्नेंट लेडीज को आंगनबाड़ी केंद्रों पर भोजन कराने का नियम लागू हुआ है। लेकिन कई बेसिक दिक्कतों के चलते महिलाओं ने केंद्रों से किनार कर लिया। जिससे योजना फ्लॉप हुई। वहीं, इस योजना के तहत शासन को नई उम्मीद जगी है। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक महिला प्रेग्नेंसी के दौरान सारे परंपरागत रीति रिवाजों को निभाना चाहती है। इन्हीं पलों के दरम्यान वह नई दुनिया संजोती है। लेकिन धन की कमी के चलते परिवार इन उम्मीदों को पूरा नहीं करता है। ऐसे में सरकार अब इसका जिम्मा उठाएगी।

यह है उद्देश्य

न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट - प्रेग्नेंट लेडीज और बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाने समेत उन्हें पुष्टाहार सेवन को प्रोत्साहित करना।

हेल्थ इम्यूनाइजेशन - प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रोत्साहित करना।

हेल्थ चेकअप - रूटीन हेल्थ चेकअप कराने और बीमारियों के लिए झाड-फूंक की बजाय फ्री हेल्थ सर्विसेज का लाभ लेने को प्रोत्साहन।

न्यूट्रिशन एंड हेल्थ एजुकेशन - पौष्टिक आहार खिलाने और खाने के प्रति जागरूक करने समेत स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का निराकरण।

प्री-स्कूल एजुकेशन - बच्चे के स्कूल जाने से पहले उसे और परिवार को पढ़ाने के प्रति जागरूक करना।

डायरेक्टिंग एंड रिफ्रेशिंग सर्विसेज - पोषण मिशन समेत केंद्र की ओर से चल रही योजनाओं की निगरानी और उसका लाभ लेने के प्रति प्रोत्साहन

आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई और अन्नप्राशन की रस्म अदा कराई जाएगी। शासन के निर्देश मिलते ही शुरू होगी।

बुद्धि मिश्रा, डीपीओ