- नेचुरल नहीं केमिकल्स से धुल और पक रहे फल

- फल की डिमांड को पूरा करने के लिए चल रहा खेल

BAREILLY :

फलों की चमक देखकर आप उसे खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं। डेलापीर फल मंडी में हानिकारक केमिकल के जरिए फलों को पकाया जा रहा है। जो धोने के बाद भी साफ नहीं होते हैं। इसके सेवन से तमाम गंभीर बीमारियां पनप रही हैं। लेकिन लोग इसे बेतहाशा गर्मी का प्रकोप मानकर तंदुरू स्ती के लिए फिर से फलों का ही सेवन कर रहे हैं। जो स्लो पॉयजन की तरह आपको अंदर से खोखला बना रहा है। लेकिन इससे बेफिक्र विक्रेताओं के मुताबिक फलों की डिमांड ज्यादा होने से उसे पूरा करने के लिए केमिकल्स का यूज किया जा रहा है। जबकि इन केमिकल्स प्रयोग बैन कर दिया गया है।

केमिकल्स से पका रहे

मंडे को एफएसडीए की टीम ने डेलापीर मंडी पर भारी मात्रा में केमिकल से फलों को पकाए जाने का भांडाफोड़ किया। उन्होंने ऑनस्पॉट काफी मात्रा मिले घातक केमिकल्स मिले। जिन्हें नष्ट कर दिया गया। लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं कि फिर से फलों को पकाने के लिए केमिकल्स का प्रयोग नहीं होगा। ऐसे में लोगों को खुद से ही अवेयर होने की जरूरत है। बता दें कि फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड, एसिटिलीन, एथलीन, ग्लाइकॉल, इथेनॉल, प्रोपलीन जैसे जानलेवा केमिकल इस्तेमाल हो रहे हैं। क्योंकि इसमें मुनाफे का खेल होता है। विक्रेता गर्मी में लोग फलों का सेवन ज्यादा करते हैं। ऐसे में कच्चे फलों को पकाकर ऊंची कीमतें कस्टमर्स से वसूल किया जाता है।

तेजाब से धो रहे फल

एफएसडीए की अभिहीत अधिकारी ममता कुमारी ने बताया कि किसानों से खरीदकर लाए गए फलों और सब्जियों को एसिड यानि तेजाब से धोते हैं। जिससे फलों की गंदगी साफ और फल की ऊपरी परत भी हट जाती है। जिससे फल चमकने लगते हैं। लेकिन एसिड का असर फलों के अंदर तक समा जाता है। जो घर पर धोने से खत्म नहीं होता है। वहीं, लोग इस जहर से बेफिक्र होकर फलों का सेवन कर लेते हैं। जो सीधे पेट में पहुंच जाता है। हालांकि यह एसिड काफी कम मात्रा में होता है, इसीलिए यह धीरे-धीरे अपना असर दिखाता है। जो काफी समय बाद पता चलता है, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

स्लो पॉयजन खा रहे लोग

बता दें कि कैल्शियम काबाईड पानी में साथ घुलकर आर्सेनिक फॉस्फोरस बनाता है। पानी में घुलनशील होने के कारण बॉडी में भी आसानी से घुल जाता है। जोकि, पेट में एसिटिलीन से गैस बनता है। जिससे हेडेक के साथ ही बॉडी में स्वेलिंग हो जाती है और नींद नहीं आती है। केमिकल्स लंग्स, स्किन, आई और लीवर को सबसे अधिक इफेक्ट करते है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी व्यक्ति को हो सकती है। यही नहीं अधिकारी स्टोरेज किए फल खाने से बचने की सलाह भी देते हैं। क्योंकि, स्टोरेज फल के ओरिजनल एसिड हाइजेनिक एसिड का रूप ले लेता है। जो हेल्थ के लिए काफी घातक है।

फलों को धोने के लिए एसिड और पकाने के लिए केमिकल्स का प्रयोग किया जा रहा है। जो स्लो पॉयजन की तरह काम करता है। अभी चेतावनी दी गई है आगे कठोर कार्रवाई होगी।

ममता कुमारी, अभिहीत अधिकारी