- टैक्स अदायगी न होने पर नगर निगम और बरेली क्लब के बीच विवाद

- निगम ने दी क्लब बंद करने की चेतावनी, लघुवाद कोर्ट में है मामला

BAREILLY: शहर का बेहद प्रतिष्ठित बरेली क्लब और नगर निगम के बीच टैक्स को लेकर तनातनी शुरू हो गई है। शहर के रईसों और नामचीन शख्सियतों वाला बरेली क्लब लिमिटेड नगर निगम का 87 लाख का बकाएदार है। टैक्स बकाए की इस भारी भरकम रकम ने ही निगम बनाम बरेली क्लब की स्थिति खड़ी कर दी है। एक ओर निगम टैक्स की एक एक पाई वसूलने को जिद पर अड़ा है। वहीं दूसरी ओर बरेली क्लब ने इसे निगम की तानाशाही करार देते हुए शासन से लेकर कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा दिया है। पिछले दो साल से टैक्स के मैदान में दोनों के बीच कानूनी जंग जारी है।

गलत तरीके से थ्ाोपा टैक्स

बरेली क्लब की ओर से नगर निगम पर टैक्स को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्लब का आरोप है कि निगम की ओर से 2014-15, 2015-16 और 2016-17 का टैक्स बिल बढ़ाकर थमाया गया। गलत रेट पर रिवाइज्ड बिल थमाने पर निगम को लिखित में कई बार कंप्लेन करने के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। वहीं नगर आयुक्त ने 12 परसेंट का ब्याज लगाकर 31 मार्च 2015 तक 31,49,154 रुपए टैक्स अदायगी करने के निर्देश दिए। साथ ही ऐसा न करने पर बरेली क्लब को बंद करने की चेतावनी दी।

कॉमर्शियल रेट पर टैक्स

बरेली क्लब के ऑनरेरी सेक्रेटरी रिटायड कर्नल सीपीएस राठौर ने बताया कि निगम ने बरेली क्लब पर कॉमर्शियल रेट के तहत टैक्स लगाया। 2014-15 के रिवाइज्ड रेट को पांच गुना बढ़ाने के बाद सेल्फ असेसमेंट करने पर 58,200 रुपए का ही टैक्स होता है। लेकिन निगम ने 270 गुना टैक्स बढ़ाकर इसे 31,49,154 कर दिया। जो 2015-16 वा 2016-17 में 12 परसेंट की पेनालटी समेत 87,09,997 रुपए हो गया। इसके खिलाफ लघुवाद कोर्ट में मामला लंबित है। इस मामले में क्लब की ओर से बरेली कमिश्नर, बरेली डीएम और नगर विकास प्रमुख सचिव को भी लेटर भेजा गया है।

बरेली क्लब पर टैक्स

2014-2015 का टैक्स बिल - 31,49,154 रुपए

क्लब की ओर से एडवांस पेमेंट- 4,09,416 रुपए

बरेली क्लब पर निगम का बकाया - 27,39,738 रुपए

साल 2015-16 का टैक्स बिल - 25,96,116 रुपए

पिछला बकाया, पेनाल्टी व 2016-17 का टैक्स - 87,09,997 रुपए

नगर निगम की ओर से ओपन एरिया पर भी टैक्स लगाया गया है। 87 लाख का टैक्स कहां से चुकाएंगे। बढ़ा चढ़ाकर टैक्स लगाने के खिलाफ कोर्ट में मामला है। यह निगम की खुलेआम तानाशाही है।

- सीपीएस राठौर, रिटायर्ड कर्नल, ऑनरेरी सेक्रेटरी, बरेली क्लब

रिवाइज्ड रेट के मुताबिक ही बरेली क्लब पर टैक्स लगा है। कॉमर्शियल यूज होने के चलते रेजीडेंशियल कटेगरी का टैक्स नहीं लग सकता। मामला कोर्ट में है। जैसा आदेश होगा, कार्यवाही होगी। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त