-110 साल पहले रखी गई थी हॉस्टल की नींव

-आधुनिक सुविधाओं से लैस बनेगा नया हॉस्टल

BAREILLY:

बरेली कॉलेज का आजाद हॉस्टल अब इतिहास बन जाएगा। क्योंकि अब इसे तोड़कर आधुनिक सुविधाओं से लैस ब्वॉयज हॉस्टल बनाने जा रहा है। इसकी तैयारी शुरू कर दी है। नक्शा भी तैयार हो गया है। जल्द ही आजाद हॉस्टल को तोड़ने का काम शुरू होगा। यह हॉस्टल का इतिहास इसलिए खास है कि आजादी के वक्त यहां रहने वाले हॉस्टलर ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है।

110 साल पुराना है हॉस्टल

आजाद हॉस्टल की नींव 110 साल पहले 1906 में रखी गई थी। एक साल के बाद 72 कमरों का निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसमें स्टूडेंट्स के रहने के लिए 68 कमरे, एक स्टोर रूम, एक कॉमन रूम, एक गेस्ट रूम, एक वार्डन रूम, मेस बनाए गए थे। अब बिल्डिंग पुरानी होने के कारण जगह-जगह इसकी दीवारों में दरारें पड़ गई। दीवारों से प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं। वर्ष 2010 में कॉलेज मैनेजमेंट ने इसकी मरम्मत करा दी थी लेकिन अब फिर वही हाल हो गया है। इस नाते कॉलेज मैनेजमेंट ने हॉस्टल को तोड़कर नया हॉस्टल बनाने का फैसला किया है। नया हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव प्रबंध समिति की बैठक में पास भी हो गया है। वहीं यहा रह रहे 65 हॉस्टलर ने कमरे खाली कर दिए हैं।

केस को इकट्ठा किए थे रुपए

वर्ष 1929 से 1943 तक राष्ट्रीय आंदोलन में आजाद हॉस्टल में रहने वाले तमाम हॉस्टलर ने अहम योगदान दिया। हॉस्टलर दरबारी लाल शर्मा, सतीश कुमार, कृपा नंदन, रमेश चौधरी, कृष्ण मुरारी ने आदि भारत छोड़ो आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों के को कंधे से कंधा मिलाकर चले। आजाद हिन्द फौज के सैनिकों को मुकदमा लड़ने के फंड की व्यवस्था हॉस्टलर ने की थी। इससे खफा होकर अंग्रेजों ने हॉस्टलर के रिकॉर्ड जला दिए थे। फ्रीडम फाइटर सरदार भगत सिंह के चाचा अजित सिंह लॉ के स्टूडेंट्स थे। उन्होंने हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई पूरा की।

आधुनिक सुविधाअों से लैस

वार्डन डॉ। एपी सिंह ने बताया कि समय बदल रहा है। स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ अब सुविधाओं पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसलिए आधुनिक सुविधाओं से लैस हॉस्टल बनाया जाएगा। इसमें स्टूडेंट्स को वाईफाई की सुविधा मिलेगी। खेलने के लिए मैदान की व्यवस्था की जाएगी। बरेली कॉलेज बरेली के प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने कहा कि उनका कार्यकाल करीब एक साल का है। इसलिए उनकी प्राथमिकता है कि उनके कार्यकाल में यह हॉस्टल बनकर तैयार हो जाए। आर्किटेक्चर से संपर्क किया है। उसे कहा गया है कि हॉस्टल को इस तरह तोड़ा जाए कि उसकी अधिक ईटें सही निकलें, ताकि उनका दोबारा प्रयोग किया जा सके।