- छह महीने में ही आ गए एक दर्जन मामले

BAREILLY:

परिवहन निगम का परिक्षेत्र कार्याल इन दिनों रिश्वत व निलंबन का अड्डा बन गया है। विभाग में रिश्वत लिए जाने और कर्मचारियों, अधिकारियों के निलंबन का रिकॉर्ड फिलहाल कुछ यही बयां कर रहा है। इस खेल में अधिकारियों के कोपभाजन बेगुनाह कर्मचारी बन रहे हैं। जबकि, जिन अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप है वह पॉवर की हेकड़ी में मौज काट रहे हैं।

गलत ढंग से किया निलंबन और तलब

इस साल अभी तक करीब एक दर्जन मामले रिश्वत लिए जाने और निलंबन के सामने आ चुके हैं। कर्मचारियों को तलब और सस्पेंड करने के अधिकतर मामले गलत ही हुए हैं। जिसे दबाव पड़ने पर अधिकारियों ने सुधारा। कम्प्रेशर फटने वाले मामले में खुद सस्पेंड चल रहे तत्कालीन एसएम आरबीएल शर्मा ने नफीम नाम के एक वर्कशॉप कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया था। साथ ही एक और कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में अपनी भूल सुधारते हुए अधिकारियों ने दोनों को बहाल किया। जबकि, रिश्वत लेने वाले अधिकारी अभी तक अपने पद पर बने हुए है।

एक नजर

- तीन महीने पहले वर्कशॉप में एक कर्मचारी को आत्मदाह से बचाने पर विजेंद्र सिंह पाली को सस्पेंड।

- दो महीने पहले रिश्वत लिए जाने पर टीएस और टीएसआई से रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाना।

- दो महीने पहले ही बस में बिना टिकट पैसेंजर्स के पकड़ने पर कंडक्टर कमल कुमार से 30 हजार रुपए रिश्वत लिया जाना।

- एक महीने पहले एयर कम्प्रेशर फटने पर एक कर्मचारी और एसएम सस्पेंड

- कम्प्रेशर वाले मामले में ही एसएम ने बैक डेट पर नफीस नाम के एक कर्मचारी को कर दिया सस्पेंड।

- मिलक वाली घटना में एसी बस के कंडक्टर सर्वेश कुमार को दोषी मान कर साथ न देना।

- कम्प्रेशर मशीन मांगने पर चार दिन पहले फिटर सुशील मिश्रा को तलब करना।

- अधिकारियों द्वारा रिश्वत लिए जाने की बात को मीडिया में बताने पर कर्मचारी नेता को तलब करना।