बरेली के परंपरागत उद्योग ऑनलाइन कारोबार से जुड़ेंगे

मांझा, सुरमा और बेंत फर्नीचर उद्योग भी मुहिम में शामिल

BAREILLY:

बरेली के परंपरागत उद्योग जल्द ही देश की सीमाओं से बाहर ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बनाएंगे। यहां का जरी-जरदोजी, मांझा, सुरमा और बेंत फर्नीचर उद्योग विदेशों में भी न सिर्फ सराहा जाएगा। बल्कि देश की इकॉनोमी ग्रोथ में अहम भूमिका भी निभाएगा। देश में अपनी पहचान बनाने के बावजूद आर्थिक रूप से पिछड़े इन उद्योगों में नई जान फूंकने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। बरेली के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन परंपरागत उद्योगों को ऑनलाइन कारोबार से जोड़कर ग्लोबल मार्केट में अपने प्रोडक्ट्स उतारने की योजना है। इससे एक ओर तो स्मार्ट सिटी मिशन में बरेली की दावेदारी मजबूत होगी। वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में बरेली का नाम भी शुमार होगा।

कॉमर्शियल हब बनेगा बरेली

बरेली शहर फिलहाल मेडिकल हब के नाम से ही फेमस है। शहर में मिलने वाली मेडिकल सुविधाओं ने इसे पिछले 10 साल में ही वेस्ट यूपी में खासी पहचान दिलाई है। लेकिन शहर का बरसों पुराना परंपरागत उद्योग उपेक्षा और अभाव से जूझ रहा है। देश भर में अपने प्रोडक्टस का लोहा मनवाने के बावजूद जरी-जरदोजी, मांझा, सुरमा और बेंत फर्नीचर उद्योग को दुश्वारियों से राहत न मिली। जिसके चलते इन उद्योगों से युवा दूरी बना रहे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बरेली को कॉमर्शियल हब के तौर पर डेवलेप कर इन परंपरागत उद्योगों के लिए बेहतर मार्केट व नए अवसर मुहैया कराने के साथ ही कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर रहेगा।

हर साल होगा नेशनल एक्स्पो

स्मार्ट सिटी की कंसल्टेंट एजेंसी और नगर निगम ने परंपरागत उद्योगों को ऑनलाइन कारोबार से जोड़ने के साथ ही तैयार माल को एक्सपोर्ट करने की भी प्लानिंग की है। तैयार माल की विदेशों में लगातार सप्लाई के लिए

सिस्टम बनाया जाएगा। जिससे मांग के मुताबिक सप्लाई में दिक्कत न हो। साथ ही माल के एक्सपोर्ट में स्पेशल सुविधाएं दिए जाने की योजना बनेगी। वहीं उद्योगों में बने तैयार प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग के लिए नेशनल लेवल का एक्स्पो कराए जाने की योजना है। जिसमें देश भर के अलावा विदेश से भी लोग एक्सपो में शामिल हो माल खरीदने में दिलचस्पी दिखाएं। ऑनलाइन कारोबार को प्रमोट करने के लिए इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।

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