- ग्रामीण विकास मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट में बरेली को मिले 28 मा‌र्क्स

- स्वच्छता, पेयजल, शौचालय, जलजनित रोग रोकथाम में गांव हुए फेल

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BAREILLY:

एक तरफ बरेली को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया है तो दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत कराए गए सर्वे में बरेली के गांव फेल हो गए। रैंडमली हुए इस सर्वे में बरेली के गांव टॉप एक हजार गांवों की लिस्ट में भी जगह नहीं बनाए पाए हैं। इसका मतलब साफ है कि बरेली के गांव गंदे हैं। यहां स्वच्छता, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था खस्ता है।

ये था सवेर् का मकसद

देश की जनता साफ सफाई के प्रति क्या सोचती है और शहर समेत गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं क्या हाल है। इसको जानने के लिए ग्राम विकास मंत्रालय ने फरवरी में सर्वे कराया था। सर्वे के बाद जो रिपोर्ट आई है। उसमें देश के एक हजार स्वच्छ गांवों में बरेली का एक भी गांव भी जगह नहीं बना पाया। मंत्रालय की ओर से यह सर्वे देश के 476 जिलों में करवाया गया था।

ये बनाए गए धे आधार

सर्वे टीम ने दो पार्ट में किए गए। पहला पार्ट में खुले में शौच जाने वाले लोगों की संख्या तो दूसरा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर आधारित था। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा के 689 गांवों को एक हजार की सूची में स्थान मिला है। दरअसल, इन गांवों में खुले में शौच, मलमूत्र प्रबंधन, खराब पानी का उपचार, जलस्रोत पानी की गुणवत्ता, जलजनित बीमारियों की रोकथाम में कुल 60 मा‌र्क्स से ज्यादा मिले हैं। वहीं बरेली सिर्फ 28 मा‌र्क्स ला सका और 1062वें नंबर पर रहा। गौरतलब है कि बरेली के 1007 ग्राम पंचायतों में 77 परसेंट को खुले में शौच जाने की पुष्टि हुई है। 65 परसेंट को शुद्ध पानी न मिल पाने और 91 परसेंट गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नहीं है।

100 में से 28 मा‌र्क्स

- मंत्रालय के सर्वे के सौ मा‌र्क्स में से बरेली 28 मा‌र्क्स पर सिमटा

- खुले में शौच के 20 मा‌र्क्स में बरेली को मिले 6 मा‌र्क्स

- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के 20 मा‌र्क्स में से बरेली को मिले 7 मा‌र्क्स

- खराब पानी व जलस्रोतों की गुणवत्ता के 20 में से बरेली के 5 मा‌र्क्स

- जलजनित बीमारियों की रोकथाम के 20 में से बरेली के 4 मा‌र्क्स

- कचरा प्रबंधन के 20 मा‌र्क्स में से बरेली के 6 मा‌र्क्स

नोट-- बरेली के मीरगंज, फरीदपुर, क्यारा ब्लाक के गांवो में सर्वे हुआ।

राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत कराए गए सर्वे में बरेली के गांव शामिल नहीं हो पाए हैं। हालांकि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक किया जा रहा है।

टीसी पांडेय, डीपीआरओ