सब्जेक्ट में फेर बदल, एपीयर होने के बाद भी एब्सेंट जैसी निकली रही हैं गड़बडि़यां

मार्कशीट की गड़बडि़यों के 125 एप्लीकेशन फार्म आ चुके है विभाग

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BAREILLY:

यूपी बोर्ड को गड़बडि़यों का बोर्ड कहें तो गलत नहीं होगा। बोर्ड से जुड़े लोगों की लापरवाही की सजा स्टूडेंट्स को मिलती है। उनका फ्यूचर दांव पर लग जाता है। इस बार बोर्ड की गड़बडि़यों की बात करें तो किसी स्टूडेंट्स का सब्जेक्ट चेंज कर दिया तो किसी स्टूडेंट को एक सब्जेक्ट में एब्सेंट कर दिया। इसके चलते स्टूडेंट्स को परेशान होना पड़ रहा है।

मैथ का पेपर, बायाे में फेल

अजय सिंह पुत्र बाबूराम ने इंटरमीडियट की परीक्षा पीसीएम ग्रुप से दी। जबकि उसे रिजल्ट में बायोलॉजी का स्टूडेंट दिखाया गया है। उसपर भी बायोलॉजी के दोनों पेपर्स में अब्सेंट दिखाकर फेल कर दिया है। गुड्डी पुत्री शहबुद्दीन खान ने हाईस्कूल का एग्जाम दिया है, इनके रिजल्ट में सोशल साइंस सब्जेक्ट में कोई मा‌र्क्स नहंीं दिखाए गए हैं। इसके चलते गुड्डी फेल हो गई। राहुल शर्मा, पुत्र प्रेमकुमार बाबू के रिटेन एग्जाम मा‌र्क्स तो ठीक हैं, लेकिन बोर्ड ने फिजिक्स के प्रैक्टिकल एग्जाम में एब्सेंट दिखाकर फेल कर दिया है। ये तो सिर्फ नजीर है। जबकि बोर्ड ऑफिस गड़बडि़यों की क्ख्भ् अप्लीकेशंस पहुंच चुकी है। कई मामलों में स्टूडेंट्स के नाम व पिता के नाम में भी गड़बडि़यां हैं।

सिस्टम बदला गड़बडि़यां जारी

यूपी बोर्ड रिजल्ट में गड़बडि़यां निकलने के ये मामले नए नहीं हैं। पिछले वर्षो में भी बदस्तूर गड़बडि़यां होती रही हैं। तब बोर्ड इन गड़बडि़यों को मैन्युअल सिस्टम का दोष मानता था, लेकिन अब सिस्टम कंप्यूटराइज्ड होने के बाद स्थिति जस की तस है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी वीसी जोशी का तर्क है कि ऑनलाइन सिस्टम के बाद स्टूडेंट्स को खुद ही बोर्ड फार्म भरना होता है। स्टूडेंट्स अक्सर अपने नाम की गलत स्पेलिंग, चयनित विषयों के गलत कोड फिल कर देते हैं। इसके चलते बोर्ड के पास गलत जानकारी रहती है।

संकलन और मूल्यांकन की लापरवाही

विभागीय सूत्रों की मानें तो गडबड़ी की एक वजह सकंलन और मूल्यांकन केंद्रों पर हुई लापरवाही भी है। कॉपी जांचते वक्त मूल्यांकन करने वाले जल्दबाजी में कई बार स्टूडेंट के रोल नंबर, सब्जेक्ट नंबर चढ़ाने में गलती कर देते हैं। संकलन के समय भी कई बार एक सेंटर की कॉपी में अगला बदली हो जाती है। जो रिजल्ट आने के बाद ही पकड़ में आ पाती है।

लेटलतीफी स्टूडेंट्स पर भारी

बोर्ड एग्जाम की लेटलतीफी का हर्जाना अब रिजल्ट की गलतियों के रूप में छात्र भुगत रहे हैं। ऑनलाइन बोर्ड एग्जाम फार्म भरने में हुई गलतियों के सुधार के लिए विभाग मैन्युअल करेक्शन का एक मौका देता है। इसके लिए बोर्ड स्कूलों को करेक्शन शीट भेजता है। शीट में स्कूल अपने छात्रों के जरिए भरी गई गलतियों में सुधार करते हैं, लेकिन इस वर्ष स्कूलों को बोर्ड एग्जाम शुरू होने के मात्र एक हफ्ते पहले शीट भेजी गई।

नेक्स्ट वीक से रिजल्ट करेक्शन पर काम करना शुरू कर दिया जाएगा। कोशिश होगी कि जुलाई तक रिजल्ट्स में सुधार करके स्टूडेंट्स को मार्कशीट प्रोबाइड करा दी जाए।

संजय उपाध्याय, क्षेत्रीय सचिव बोर्ड ऑफिस

क्भ् जून तक मार्कशीट

स्टूडेंट्स को क्भ् जून तक यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर मीडिएट का रिजल्ट स्कूलों में उपलब्ध हो जाएगा। क्षेत्रीय बोर्ड ने सभी 9 जिलों को मार्कशीट्स भेजने का काम लगभग पूरा कर लिया है। क्षेत्रीय सचिव के मुताबिक मार्कशीट के पैकेट नेक्स्ट वीक ट्यूज्डे तक जिलों को भेज दिए जाएंगे। बरेली समेत सभी जिलों के डीआईओएस विभाग को पैकेट क्0 जून तक उपलब्ध होंगे।