- रोजाना 5 हजार चेक क्लीयरेंस के लिए लग रहे हैं

BAREILLY:

आरबीआई के आदेश के बाद जिले में एक जुलाई से चेक क्लीय¨रग हाउस बंद कर दिया गया है। बैंक्स ने सीटीएस चेक को इमेज के माध्यम से ऑनलाइन क्लीयर कराने की व्यवस्था शुरू की है। लेकिन, यह सहूलियत कस्टमर्स की जेब पर भारी पड़ रही है। चेक बाउंस होने से पिछले दस दिन में ही कस्टमर्स को लाखों रुपए की चपत लग गयी है। सबसे अधिक व्यापारी वर्ग को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

रोजाना 500 चेक हो रहे बाउंस

शहर में एसबीआई, पीएनबी, इलाहाबाद सहित अन्य बैंक्स की 20 से अधिक ब्रांच हैं। यहां पर रोजाना 5 हजार चेक क्लीयरेंस के लिए जमा होते हैं, लेकिन इनमें से 500 से अधिक चेक बाउंस हो जा रहे हैं। सीटीएस चेक के फीचर स्कैनर द्वारा ठीक से नहीं खींचने से यह समस्या हो रही है, जिसका खामियाजा बैंक में चेक लगाने वालों को भुगतना पड़ रहा है। चेक बाउंस होने पर हर बैंकों के बैलेंस काटने के अपने अलग नियम है। जो 50 से 250 रुपए प्रति चेक के हिसाब से है। प्राइवेट बैंक सबसे अधिक 250 रुपए चेक बाउंस होने पर काटते हैं।

साढ़े 7 लाख रुपए की लगी चपत

डेढ़ सौ रुपए की पेनॉल्टी के हिसाब काउंट करें, तो बाउंस हो रहे 500 चेक से तकरीबन रोजाना 75 हजार रुपए कस्टमर्स को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले एक जुलाई से अब तक दस लाख रुपए की चपत कस्टमर को लग चुकी है। खामियों के चलते यूं तो सभी कस्टमर परेशान हैं, लेकिन सबसे अधिक नुकसान व्यापारियों का हो रहा है। क्योंकि, व्यापारी अपना अधिकतर लेनदेन चेक के माध्यम से करता है।

बॉक्स

- 5,000 चेक एवरेज रोजाना क्लीयरेंस के लिए लग रहे हैं।

- 500 चेक एवरेज रोजाना हो रहे बाउंस।

- तकरीबन 75 हजार रुपए कस्टमर्स को रोजाना चपत।

- 10 लाख रुपए का नुकसान पिछले इस दिनों में उठाना पड़ा।

कस्टमर क्या करें

- चेक पर डिटेल साफ-साफ भरें।

- कई हिस्सों में चेक मुड़ा हुआ है, इमेज के लिए स्कैन से बचें।

- चेक पर ओवर राइटिंग न करें।

कस्टमर्स थोड़ी से सावधानी रख चेक बाउंस होने से बचा सकता है। करीब 5 हजार चेक रोजाना क्लीयरेंस के लिए लगता है। इस समय नए नियम से चेक बाउंस होने का परसेंटेज पहले से बढ़ा है।

संजीव मेहरोत्रा, उप महामंत्री, यूनियन बैंक स्टॉफ एसोसिएशन