- प्रशासन आचार संहिता से पहले शुरू कराना चाहता है निर्माण कार्य

>BAREILLY: सिविल एंक्लेव के लिए होने वाले सर्वे की एयरफोर्स ने अभी तक परमिशन नहीं दी है। इसके चलते बरेली में बनने वाले मिनी एयरपोर्ट वर्क अटकता दिख रहा है। सर्वे की मंजूरी में इसी तरह लेटलतीफी होती रही तो फिर आचार संहिता लग जाएगी। एक बार आचार संहिता लगने पर वर्क चुनाव के बाद ही स्टार्ट हो सकेगा। इसलिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन चाहता है कि जल्द से जल्द सर्वे शुरू हो जाए ताकि मिनी एयरपोर्ट का वर्क शुरू किया जा सके।

दो करोड़ तक बढ़ोत्तरी

मिनी एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन पर भट्ठा संचालकों ने खनन कर गहरे गड्ढे कर दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक नए सर्वे के बाद करीब दो करोड़ रुपए सिर्फ लेवल बनाने में खर्च हो जाएंगे। पहले हुए सर्वे के मुताबिक 1711 मीटर की बाउंड्री 788 मीटर गहरे गड्ढों में बनाई जानी है। जमीन से सड़क की गहराई 15 मीटर है। वहीं, एयरफोर्स गेट के से एफ तक दोनों ओर 5 मीटर तक गहराई के गड्ढे हैं। यह सिर्फ एयरफोर्स की बाउंड्री तक का सर्वे था। नई गाइडलाइंस में रनवे से मुडि़या अहमदनगर तक सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं।

आचार संहिता न बन जाए बाधा

बरेली प्रशासन मिनी एयरपोर्ट का निर्माण चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले शुरू कराना चाहता है। बावजूद इसके एएआई लगातार कुछ न कुछ अड़ंगा लगा रहा है। सबसे पहले जमीन कम होने पर एतराज जताया था, फिर खनन माफियाओं ने गहरे गड्ढों को लेकर मामला अटकाया था। जब दोनों मामले सुलझे और जमीन एएआई को हस्तांतरित कर दी गई तो अब नया पेच रनवे से लेकर मुडि़या अहमदनगर तक की लेवलिंग को लेकर सामने आ गया है।

एक नजर में।

- अधिग्रहित जमीन से रनवे तक किया जाना है सर्वे

- पूर्व में हुए सर्वे दरकिनार, नई गाइडलाइंस जारी

- एयरफोर्स से मुडि़या अहमद तक रहेगा एकसमान स्लेप

- प्रशासन, एएआई के सर्वे के बाद मंजूर हुए था एस्टीमेट

- पर सर्वे में एयरर्फोस के रनवे को नहीं किया था कैल्कुलेट

- 5.27 करोड़ के बजट में अब 2 करोड़ बढ़ोत्तरीे की संभावना

- सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एयरफोर्स में लागू है हाई अलर्ट

- प्रशासन आचार संहिता से पहले शुरू कराना चाहता है निर्माण

- एयरफोर्स ने सर्वे के बाबत निर्माण निगम को नहीं दी है मंजूरी

- लेटलतीफी हुई तो आचार संहिता के बाद ही शुरू होगा निर्माण

एएआई से पत्र मिलते ही एयरफोर्स को तत्काल सर्वे के लिए एंट्री की मंजूरी मांगी थी। तीन दिन बीत गए पर अभी तक एयरफोर्स से मंजूरी नहीं मिल सकी है।

आशीष कुमार, परियोजना प्रबंधक, राजकीय निर्माण निगम