- डूडा की बड़ी लापरवाही उजागर, मुरादाबाद के ई रिक्शा बरेली में बंटवाए

- 413 में से 207 ई रिक्शा के चेसिस नम्बर गलत, लीपापोती में जुटा विभाग

BAREILLY: 2017 विस चुनाव से पहले प्रदेश भर में समाजवादी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे सीएम अखिलेश यादव को

सरकारी विभागों की लापरवाही शर्मिदा करा रही है। 23 अप्रैल को बरेली के रामगंगा तिराहा पर सीएम ने जिन लाभार्थियों को ई रिक्शा की सरकारी मदद दी थी। उसमें बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। सीएम की ओर से बांटे गए कुल 413 में से 207 ई-रिक्शा बरेली के लाभार्थियों के लिए थे ही नहीं। यह ई रिक्शा मुरादाबाद में बांटे जाने थे। लेकिन डिस्ट्रिक्ट अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी, डूडा की बड़ी लापरवाही के चलते कार्यक्रम में सीएम के हाथों इन्हें बरेली में बंटवा दिया गया। सीएम के सरकारी कार्यक्रम में इस बड़ी चूक का खुलासा होते ही डूडा ने लाभार्थियों को बांटने के बजाए सीबीगंज स्थित जीटीआई में रखवा दिए गए हैं।

कंपनी के मेल से खुलासा

23 मई को बदायूं-बरेली फोरलेन का उदघाटन करने पहुंचे सीएम को करीब 453 ई रिक्शा बांटने थे। लेकिन कार्यक्रम में 413 ई रिक्शा ही बांटने की व्यवस्था डूडा की ओर से पूरी हो सकी। इनमें से 207 ई रिक्शा ऐसे से थे, जिनका चेसिस नम्बर बरेली में बंटने वाले ई-रिक्शा के रिकार्ड से मेल नहीं खा रहे। 413 में से 207 ई रिक्शा जो बरेली पहुंचे थे, चेसिस नम्बर के रिकार्ड के मुताबिक उन्हें मुरादाबाद में बांटा जाना था। जबकि बरेली में चेसिस नम्बर के रिकार्ड के मुताबिक बंटने वाले ई रिक्शा कहीं और पहुंच गए। ई रिक्शा बनाने वाली काइनेटिक कंपनी की ओर से कुछ दिन पहले डूडा को लेटर भेजकर इस गलती के बारे में बताया गया।

21 दिन सोता रहा डूडा

काइनेटिक कंपनी की ओर से 2 मई को ही ई रिक्शा की खेप बरेली भेज दी गई थी। डूडा की निगरानी में इन ई रिक्शा को रखा गया और लाभार्थियों को बांटे जाने के लिए कागजी कार्यवाही शुरू की गई। कंपनी की ओर से भेजे गए ई रिक्शा के साथ ही उनके डॉक्यूमेंट्स भी भेजे गए थे। लेकिन सीएम के कार्यक्रम से पहले तीन हफ्ते तक डूडा के जिम्मेदार सोते रहे। ई रिक्शा के डॉक्यूमेंट्स की जांच-पड़ताल ही न की गई। इस बड़ी चूक का खुलासा होते ही जिम्मेदारों के पसीने छूट गए हैं। आनन फानन में गड़बड़ी को छुपाने के लिए मुरादाबाद में बंटने वाले ई रिक्शा के चेसिस नम्बर वाले फॉर्म पर ही लाभार्थियों के नए सिरे से रिकार्ड तैयार किए जा रहे।

दूसरे जिला के ई रिक्शा गलती से बरेली आ गए थे। कंपनी की ओर से इस बारे में बताया गया। रजिस्ट्रेशन और परमिट बनने के बाद ही पात्रों को ई रिक्शा बांट दिए जाएंगे। - विनय सिंह, प्रोजेक्ट ऑफिसर, डूडा