BAREILLY :

हेल्थ इंश्योरेंस के बाद बीमार अजय बत्रा को इलाज खर्च न देना इंश्योरेंस कंपनी को महंगा पड़ गया। अजय बत्रा की तरफ से दायर वाद पर कंज्यूमर फोरम कोर्ट सेकंड ने सुनवाई करते हुए इंश्योरेंस कंपनी को इलाज खर्च न देने का दोषी मानते हुए 11,400 रुपए का जुर्माना लगा दिया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जुर्माना राशि का एक माह के अंदर भुगतान नहीं करने पर सात प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज भी देना होगा।

1995 में ली थी हेल्थ पॉलिसी

सिविल लाइंस के गनपति बिला 243 निवासी अजय बत्रा ने दायर वाद में बताया कि उन्होंने अपनी हेल्थ पॉलिसी वर्ष 1995 में द ओरिएंटल कंपनी शाखा सीबीगंज से ली थी। इसके बाद उन्होंने पत्नी संगीता बत्रा के नाम 6 जनवरी 2015 में ली, जिसका प्रीमियम 15,626 रुपए जमा किया तो कंपनी ने पॉलिसी संख्या 726173 जारी 6 जनवरी 2015 को कर दी। अजय बत्रा का आरोप था कि उनके बाएं हाथ में 30 अप्रैल 2015 को कमजोरी महसूस हुई। डॉक्टर ने एमआरआई कराई तो दिमाग में रक्त का थक्का जमा हुआ आया। इलाज के बाद वह 2 मई 2015 को डिस्चार्ज हुए। इसके बाद फिर से 4 मई को तबीयत खराब हो गई। जिस पर वह 6 मई 2015 को वह मुम्बई के लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट हुए, लेकिन 24 घंटे बाद वह कोकिला बेन धीरू भाई मेडिकल कॉलेज में 15 दिन एडमिट रहे। अजय बत्रा घर पहुंचे तो उन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी द ओरिएंटल में इलाज का दावा किया। जिस पर इंश्योरेंस कंपनी ने दावा खारिज करते हुए बताया कि पीडि़त द्वारा पेश बिल पर्याप्त नहीं है।

वर्ष 2015 में दायर किया था वाद

द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शाखा सीबीगंज से वाद खारिज होने पर अजय बत्रा ने ब्रांच प्रबंधक, दि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के पंजीकृत कार्यालय दिल्ली प्रबंधक और रक्षा टीपीए प्राइवेट लिमिटेड निदेशक लखनऊ के खिलाफ वाद दायर कर दिया। जिस पर कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह राठौर ने इलाज के उपलब्ध बिल के अनुसार 7,400 रुपए इलाज के, 2500 क्षतिपूर्ति और 15 सौ रुपए वाद व्यय जुर्माना लगाया है।