-डीआईजी ऑफिस के पास बरेली क्लब के पीछे पुलिस टीम पर टप्पेबाज ने की फायरिंग

-दूसरा साथी फरार, एक अन्य के साथ शहर में करते थे टप्पेबाजी

BAREILLY: कोतवाली पुलिस ने फ्राइडे रात डीआईजी ऑफिस से कुछ दूरी पर बरेली क्लब के पीछे से टप्पेबाज को गिरफ्तार किया है। पुलिस से बचने के लिए टप्पेबाज ने पुलिस पर फायरिंग भी की। उसका एक साथी मौके से भागने में कामयाब हो गया। उसने 29 जून को चौकी चौराहा पर दंपत्ति की डिग्गी से 4 लाख रुपए निकालने समेत कई वारदातें करना कबूला है। पुलिस ने उसके पास से 24 हजार रुपए नकद, तमंचा, कारतूस बरामद किया है। पुलिस गैंग में शामिल दो अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है।

सीसीटीवी फुटेज के जरिए हुई पहचान

प्रेस कांफ्रेंस में सीओ सिटी फ‌र्स्ट सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि गिरफ्त में आए टप्पेबाज की पहचान बानखाना निवासी हिस्ट्रीशीटर कासिम उर्फ लालू उर्फ भैय्या के रूप में हुई है। उसके साथियों की पहचान बाग अहमद अली तालाब निवासी हिस्ट्रीशीटर मुजाहिद उर्फ मज्जू और बानखाना निवासी शाहीन के रूप में हुई है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए उसकी पहचान की थी। जिसके बाद सूचना पर चौकी चौराहा चौकी इंचार्ज वीरेंद्र सिंह राणा, कांस्टेबल राजेन्द्र सिंह और भुवनेश पकड़ने पहुंचे तो वह मुजाहिद के साथ था और उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी।

चौकी चौराहा के पास उड़ाए थे 4 लाख

पुलिस पूछताछ में लालू ने बताया कि उसने मुजाहिद के साथ मिलकर 29 जून को जहीर व उसकी पत्‍‌नी निखत सुल्ताना से चौकी चौराहा के पास 4 लाख रुपए निकाल लिए थे। उसने बताया कि वह आईसीआईसीआई बैंक के बाहर निगरानी कर रहे थे तभी देखा कि निखत ने बड़ी लापरवाही से डिग्गी में रुपए रखे और उसे बंद भी नहीं किया। यही नहीं उसके बाद वह छांव में बैठी और आराम से चुनरी बांधी जिसके चलते उन्हें लग गया कि आसानी से रुपए निकाले जा सकते हैं। फिर उन्होंने एड्रेस पूछने के बहाने डिग्गी से बड़ी आसानी से रुपए निकाल लिए।

कुछ वारदातें पुलिस ने लिखी ही नहीं

पुलिस सोर्सेज की मानें तो लालू ने अपने साथियों के साथ सिटी में करीब 20 से अधिक टप्पेबाजी की वारदातों को अंजाम दिया है। इनमें से कई तो पुलिस ने लिखी ही नहीं हैं। कुछ लिखी गई हैं जिन्हें पुलिस अलग-अलग थानों से मिलान कर रही है। बताया जा रहा है कि जो वारदातें नहीं लिखी गई हैं उनमें से कुछ बाहरी लोग हैं और उनके कम रुपए निकले हैं। जिन्होंने या तो खुद रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई या फिर पुलिस ने दर्ज नहीं की।

किच्छा और रुद्रपुर में भी की वारदातें

लालू ने पुलिस को बताया कि उसने किच्छा और रुद्रपुर एरिया में भी कई वारदातों को अंजाम दिया है। इन एरिया के लोगों को टारगेट करने में उन्हें काफी आसानी होती है। यही नहीं वारदात करने के बाद वह बरेली चले आते हैं जिससे वहां की पुलिस भी उन्हें पकड़ नहीं पाती है।

गड्डी बदलने का था पहले धंधा

लालू ने बताया कि पहले उसका धंधा नोटों की जगह गड्डी थमाने का था। वह रोडवेज के आसपास लोगों को शिकार बनाता था लेकिन बाद में कई वारदातों के चलते लोग अवेयर हो गए। जिसके बाद उसने टप्पेबाजी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि वह लूट की वारदातों में भी शामिल रहा हो। क्योंकि पुलिस निगरानी में वह कभी घर पर नहीं मिला ।

'विभीषण' ने खोल दिया राज

पुलिस सोर्सेज की मानें तो लालू को पकड़ने में टप्पेबाजों की 'विभीषण' ने पुलिस की मदद की है। पुलिस ने एक दूसरे गैंग के टप्पेबाज को शक के आधार पर पकड़ा था और उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाई। जिसके बाद उसने लालू का नाम बता दिया। लालू ने बताया कि सिटी में कई गैंग चल रहे हैं। सभी गैंग को पता रहता है कि किस गैंग ने कहां पर टप्पेबाजी की वारदात की है। अब पुलिस अन्य गैंग की तलाश में जुट गई है।