डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के क्राइसिस वार्ड के 12 बेड फुल, टायफाइड व बुखार के मरीज

डेंगू व स्वाइन फ्लू बीमारी के लिए अलर्ट, मरीज बढ़ने पर क्राइसिस वार्ड के इंतजाम नाकाफी

BAREILLY:

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एपिडेमिक का रूप ले रही बीमारियों से बचाव के लिए बनाया गया क्राइसिस वार्ड खुद क्राइसिस का शिकार बन रहा है। जानलेवा बुखार, डेंगू व जेई सस्पेक्टेड मरीजों के बढ़ते केसेज सेडिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इलाज व्यवस्था के सामने चुनौतियां सिर उठाने लगी है। इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के जबरदस्त दबाव के बीच क्राइसिस वार्ड में भी सभी बेड फुल हो गए हैं। ट्यूजडे को क्राइसिस वार्ड के सभी 12 बेड पर टायफाइड, बुखार व सस्पेक्टेड डेंगू के मरीजों को इलाज दिया गया। नए मरीजों के लिए वार्ड में जगह नहीं। यह हाल तब है, जब बरेली पहले से ही जेई व डेंगू के बुखार से जूझ रहा। वहीं केन्द्र सरकार की ओर से स्वाइन फ्लू पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

वार्ड एक, खतरे दो

क्राइसिस वार्ड में मौजूदा समय में डेंगू सस्पेक्टेड व गंभीर बुखार के केसेज लिए जा रहे। बरेली में सस्पेक्टेड डेंगू के जानलेवा बुखार से होने वाली मौतों का आंकड़ा दो दर्जन से ज्यादा होने के बावजूद क्राइसिस वार्ड को डेंगू वार्ड नहीं बनाया गया। वार्ड में सस्पेक्टेड डेंगू के अलावा टायफाइड व अन्य बीमारियों के मरीज भी इमरजेंसी वार्ड फुल होने के चलते एडमिट किए गए हैं। मुंबई में स्वाइन फ्लू के कंफर्म केसेज मिलने से केन्द्र सरकार की ओर से स्वाइन फ्लू पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे हॉस्पिटल में क्राइसिस वार्ड तो एक ही रह गया, लेकिन जानलेवा बीमारियों के दो खतरे पैदा हो गए हैं।

मरीज बढ़े तो ठप हाेंगे इंतजाम

बीमारी के एपिडेमिक हो जाने पर मरीजों को समय रहते इलाज मुहैया कराने और बचाने के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में क्राइसिस वार्ड की व्यवस्था है। एपिडेमिक की कंडीशन में बड़ी तादाद पर मरीजों की मौत होने पर क्राइसिस वार्ड की अहमियत बढ़ जाती है। बीमारी के एपिडेमिक होने पर क्राइसिस वार्ड का नाम ही उस बीमारी के नाम पर रखकर मरीजों को शिफ्ट कर इलाज दिया जाता है। 2013 में शहर में डेंगू और 2015 में स्वाइन फ्लू के एपिडेमिक होने पर इसी वार्ड को आइसोलेट कर मरीजों को इलाज दिया गया। इस बार डेंगू और जेई के बाद अगर स्वाइन फ्लू के केसेज भी बढ़े तो वार्ड में मरीजों को इलाज की व्यवस्था ठप पड़ने की आशंका है।

-------------------------------

क्राइसिस वार्ड में बेड फुल है, लेकिन मरीजों को इलाज देने के लिए इंतजाम पूरे है। क्राइसिस वार्ड में स्टाफ की पूरी व्यवस्था है। हॉस्पिटल में मुहैया सोर्सेज का पूरा यूज कर मरीजों को इलाज दिया जा रहा।

- डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस