-बीसीबी के प्रोफेसर ने हिडन एनिमी किलर की खोज

-फसलों को होने वाले नुकसान से बचाएगा कीटनाशक

>BAREILLY :

फसलों के उत्पादन को कम करने के जिम्मेदार हिडन एनिमी को किल करने के लिए वसाका बायो कीटनाशक की खोज बीसीबी के प्रोफेसर डॉ। राजेंद्र सिंह ने कर ली है। उनकी इस खोज से फसलों को 24 से 60 फीसदी तक नुकसान पहुंचाने वाले हिडन एनिमी को मार देगा। इससे उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी।

जड़ में होता है िहडन एनिमी

फसलों में हिडन एनिमी इतने सूक्ष्म होते हैं कि किसान इनके उपचार के लिए न ही रासायनिक और न ही जैव कीटनाशक प्रयोग कर पाता है। इसलिए इन्हें किसानों का गुप्त शत्रु कहा जाता है। इन पादप कृमियों से पूरी दुनिया के किसान परेशान हैं। जगह-जगह रिसर्च हो रही है लेकिन परिणाम खासे अच्छे नहीं आ रहे हैं। वहीं बीसीबी के प्रोफेसर ने इन हिडन एनिमी का किलर खोज लिया है। वसाका बायो कीटनाशक के फूल और पत्तियों से निकले रस को पानी में मिलाकर छिड़काव करने से इन पादप कृमियों को मारा जा सकता है। बीसीबी के प्रोफेसर ने बताया हिडन एनिमी फसलों की जड़ों में लग जाते हैं। इससे जड़ सूज जाती है। इस कारण फसल जमीन से आवश्यक पोषक तत्व नहीं ले पाती और उत्पादन क्षमता घट जाती है।

लांच किया आईएमपी

इस परजीवी को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेशनल मेलोडोगाइन प्रोजेक्ट (आईएमपी) लांच किया। इसके तहत यूजीसी ने प्रोफेसर को हिडन एनमी के निमेटोड कॉस्ट्रेन्ट एंड मैनेजमेंट इन वेस्टर्न यूपी पर रिसर्च का जिम्मा दिया। 2013 में उन्होंने प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। फ‌र्स्ट फेज में उन्हें हिडन एनमी के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने तीन वर्षो तक फसलों में नीम, तुलसी और वसाका से बने बायो पेस्टीसाइड का प्रयोग किया। इस प्रयोग में उन्हें पता चला कि नीम और तुलसी के मुकाबले वसाका पेस्टीसाइड ने हिडन एनमी को तेजी से मारा। उन्होंने बताया कि वसाका पौधे के पत्तियों और फूल से रस निकाला और उसे फसलों पर छिड़काव किया। इस पेस्टीसाइड ने आठ से 10 प्रतिशत तेजी से हिडन एनमी मारे। उन्होंने कहा कि उनके इस शोध पत्र को इंटरनेशनल जनरल एप्लाइड साइंसेज और इंटरनेशनल साइंस एंड रिसर्च जनरल में पब्लिश किया है। उन्होंने बताया कि वसाका के फूल और पत्तियों के सैंपल को दिल्ली जांच के लिए भेजा है। जैसे ही इनमें पाए जाने वाले केमिकल का पता चलेगा, तो उसका वह पेटेंट करा लेंगे।