शासन के एस्मा डिक्लेयर करते ही स्टाफ, एलटी और फार्मासिस्ट झुके

इमरजेंसी में ओपीडी दवाओं का रहा इंतजाम, एक बजे खुले दवा केन्द्र

BAREILLY:

20 सितंबर को प्रदेश व्यापी महाहड़ताल कर अपनी मांगे मनवाने के लिए जनता और मरीजों को बेहाल करने पर शासन ने वेडनसडे को सख्ती दिखा दी। सरकार की ओर से स्वास्थ्य समेत शिक्षा व अन्य विभागों के कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध ठहराते हुए वेडनसडे को एसेंशियल सर्विसेंज मेंटनेंस एक्ट, एस्मा लागू कर दिया गया। एस्मा लागू होते ही महाहड़ताल पर बैठे कर्मचारी अपनी मांगों की परवाह किए बगैर कार्रवाई के डर से काम काज पर लौट गए। दोपहर एक बजे हड़ताल खत्म होते ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में विरोध कर रहे फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन व नर्सेज ने काम काज शुरू कर दिया। हालांकि इसमें देरी हुई। लेकिन मरीजों को इलाज मिलने की राहत मिली। वहीं थर्सडे सुबह 8 बजे से मरीजों को आम दिनों की तरह जांच, दवा व इलाज की सुविधा मिलेगी।

दवा मिली, जांचे भी हुई

ट्यूजडे को हड़ताल के चलते डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। फार्मासिस्ट्स के दवा केन्द्र पर ताला बंद कर चाबी न देने से ओपीडी में आए मरीजों में एक को भी दवा न मिल सकी। इससे सबक लेते हुए हॉस्पिटल प्रशासन ने वेडनसडे को इमरजेंसी वार्ड में ही ओपीडी के मरीजों के लिए दवा काउंटर की व्यवस्था की। हालांकि इसमें भी दिक्कत हुई लेकिन मरीजों को बिना दवा के लौटना न पड़ा। वहीं पैथोलोजी में भी कई लैब टेक्निशियंस सुबह से ड्यूटी पर रहे और ओपीडी के 77 मरीजों की जांचे हुई।

डीएम कार्रवाई का था अंदेशा

शिक्षक-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में फार्मासिस्ट्स, नर्सेज, एलटी व अन्य ने वेडनसडे सुबह भी हड़ताल जारी रखी। लेकिन शासन के एस्मा लगाने की जानकारी होते ही पहले एलटी काम पर लौटे फिर नर्सेज 12 बजे हड़ताल खत्म कर वार्डो में पहुंची। लेकिन फार्मासिस्ट्स हड़ताल पर बने रहे। इस दौरान डीएम की ओर से हड़ताल पर बैठे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की खबर होते ही फार्मासिस्ट्स ने भी स्ट्राइक तोड़ दी। दोपहर 1 बजे हड़ताल खत्म होते ही दवा केन्द्र के काउंटर भी खोल दिए गए। इस दौरान मरीजों को ट्यूजडे के मुकाबले काफी कम परेशानी उठानी पड़ी।

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इमरजेंसी में ओपीडी के दवा काउंटर खोल दिए गए थे। दोपहर तक हड़ताल टूट गई थी। मरीजों को इलाज भी मिला और दवा के साथ जांचें भी हुई। - डॉ। वीके धस्माना, पीआरओ