बरेली ।

दरकते पारिवारिक रिश्तों की यह चौंकाने वाला दास्तां बरेली की एक बेटी की है। वह जिंदा है, लेकिन फेसबुक पर उसकी मौत हो चुकी। उसकी जलती हुई चिता से लेकर दशवां और तेरहवीं की रस्म तक हो गई। फेसबुक पर उसकी मौत की पोस्ट देख रिश्तेदारों ने फोन किया तो मानों पैरों तले से जमीन खिसक गई। उसकी मौत की सूचना किसी और ने नहीं बल्कि खुद उसके पति ने अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट की है। पति को कॉल किया तो नंबर ब्लॉक था। भाई और पिता गए तो उन्हें यह कहकर बेटी के ससुराल में घुसने नहीं दिया गया कि तुम्हारी बेटी अब हमारे लिए मर चुकी है। गोद में चार माह का बेटा और हाथ में शिकायती पत्र के साथ पति के फेसबुक पोस्ट के प्रिंट में अपनी मौत की सूचना लिए बरेली की यह बेटी न्याय के लिए भटक रही है। उसके आंसू दिल पर लगे गहरे जख्मों की कहानी बयां कर रहे हैं। जिल्लत के खिलाफ वजूद के लिए संघर्ष कर रही बरेली की इस बेटी को आप क्या मानेंगे। जिंदा या फिर?

परिवार परामर्श केन्द्र पहुंची:

बरेली के आलमीगीरी गंज में रहने वाले पॉलीथिन कारोबारी ने अपनी सबसे छोटी बेटी को खूब पढ़ाया लिखाया और वर्ष 2016 में समाज की नई धारा से जुड़ते हुए सम्मेलन में आए लखनऊ के एडवोकेट लड़के से शादी की। ससुराल में लगातार मिल रही प्रताड़ना और इसी बीच गर्भवती होने पर सुरक्षित प्रसव के लिए वह पांच माह पहले पीहर आ गई। यहीं उसने बेटे को जन्म दिया। ससुराल में मिली प्रताड़ना की बात भी उसने छिपाये रखी पर बेटे की जन्म की सूचना के लिए जब उसके भाई ने बहनोई को फोन किया तो उसने अपने बेटे की सूरत देखने के लिए भी शर्त रख दी। उसके धन की डिमांड पूरी नहीं की गई तो पति बेटे का चेहरा तक देखने नहीं आया।

फेसबुक पर लिखी यह पोस्ट:

युवती का एडवोकेट पति नमित पटवा 'बदला हुआ नाम' लखनऊ के त्रिवेणी नगर में रहता है, उसने फेसबुक पर 15 जुलाई को एक पोस्ट की, जिसमें उसने सभी से अपनी मर चुकी पत्नी अमृता पटवा 'बदला हुआ नाम' की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया। साथ ही 24 जुलाई 2017 को उसका दशवां और तेरहवीं संस्कार होने की सूचना भी दी।

एसएसपी से गुहार:

फेसबुक पर पति द्वारा डाली गई फेसबुक पोस्ट के प्रिंट लेकर युवती ने 25 जुलाई को एसएसपी बरेली से पति और ससुराल वालों के खिलाफ कंप्लेन की। एसएसपी ने उसे परिवार परामर्श केन्द्र भिजवाया। तब से तीन बार वह परिवार परामर्श केन्द्र जा चुकी है। परिवार परामर्श केन्द्र वालों ने उसके पति को कॉल किया और शिकायत एवं समझाने के लिए बरेली बुलाया, लेकिन खुद को वकील बताकर उसने यह चैलेंज दे दिया कि जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो वह नहीं आएगा। अब देखना यह है कि पुलिस बरेली की बेटी के आंसू पोंछ पाएगी या नहीं।

महिला के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की जा रही है। महिला सभी तारीखों पर समय से परामर्श केन्द्र पर पहुंच रही है, लेकिन महिला का पति सूचना देने के बाद एक बार भी परामर्श केन्द्र नहीं पहुंचा।

वीके अग्रवाल, काउंसलर, महिला परामर्श केन्द्र