- सीएचसी पर हुई थी डिलीवरी, ब्लीडिंग न रुकने से बिगड़ी हालत

बरेली : सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले पेशेंट्स को सुविधाओं के नाम पर छला जा रहा है। ऐसा ही एक मामला वेडनसडे को डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में सामने आया। सीएचसी से रेफर होकर आई एक प्रसूता के शरीर में डिलीवर के बाद शरीर में ब्लड की कमी हो गई, यहां उसके परिजन ब्लड के लिए घंटों इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन ब्लड बैंक में ब्लड नहीं मिला। जिसके बाद परिजनों के कहने पर महिला को निजी हॉस्पिटल रेफर करना पड़ा।

क्या है पूरा मामला

आवंला के देवचरा निवासी अर्जुन की पत्‍‌नी संजना को वेडनसडे सुबह करीब सात बजे प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे लेकर आंवला सीएचसी पहुंचे, जहां गंभीर हालत में उसकी डिलीवरी करा दी गई। ज्यादा ब्लीडिंग हो जाने पर जब वह बहोश हो गई तो गंभीर हालत में ही उसे डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। यहां जब डॉक्टर ने उसकी जांच की तो पता चला कि वह सीवियर एनीमिक है। वहीं ब्लीडिंग भी नहीं रुक रही थी। इस पर डॉक्टर ने परिजनों को फौरन ब्लड बैंक में ब्लड लाने के लिए भेजा तो यहां ब्लड न होने का तर्क देकर परिजनों को टरका दिया गया। इस प्रक्रिया में करीब दो घंटे का समय गुजर गया। वहीं संजना की हालत भी नाजुक हो रही थी। इसके बाद परिजनों ने कहने पर पेशेंट को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

रोकते तो हो जाती मौत

फीमेल हॉस्पिटल की डॉ। वर्षा ने बताया कि पेशेंट को ब्लीडिंग अधिक हो रही थी। ब्लड के लिए भेजा गया लेकिन ब्लड उपलब्ध नहीं हो पाया। पेशेंट की जान बच जाए इसलिए परिजनों की अनुमति के बाद ही रेफर किया गया।

पेशेंट सीवियर एनीमिक थी। हालांकि बच्चा स्वस्थ है। यहां ब्लड मिल जाता तो पेशेंट रिकवर कर जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए पेशेंट को रेफर किया गया।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस।