- पीडब्ल्यूडी आवासों में मूल आवंटियों पर फ्लैट्स का दुरुपयोग का मामला

- जिला मजिस्ट्रेट को सौंपे गए पत्र से प्रशासन को मिली फ्लैट्स में अवैध कब्जे की सूचना

BAREILLY:

पीडब्ल्यूडी आवासों में विभागीय अधिकारियों की अनदेखी की वजह से फ्लैट्स पर अवैध कब्जों की सूचना मिलने लगी है। दूसरी ओर मूल आवंटियों की ओर से भी सरकारी फ्लैट्स के दुरुपयोग का मामला भी प्रकाश में आया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक राजेंद्र नगर स्थित पीडब्ल्यूडी आवास में करीब 40 से ज्यादा मूल आवंटियों ने किराए पर उठाने और करीब 25 फ्लैट्स में सरकारी कर्मचारियों की ओर से जबरन कब्जा करने की सूचना प्रशासन को ि1मली है।

फ्लैट्स में अवैध कब्जे

पीडब्ल्यूडी की ओर से राजेंद्र नगर में पूल्ड हाउसिंग आबादी योजना के तहत वर्ष 1973 में फ्लैट्स बनाए गए। करीब 40 वर्षो से यह आवास विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को आवंटित किए जाते हैं। फ्लैट्स फेज वन, टू और थ्री तीन तरीके से बनाए गए हैं। जिनमें फेज वन में अधिकारी स्तर, दो में कनिष्ठ लिपिक संवर्ग और थ्री फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के लिए आवंटित किए जाते हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फेज टू और थ्री में सबसे ज्यादा अवैध ढंग से आवंटन और कब्जेदारी का मामला है।

पीडब्ल्यूडी कर्मचारी की करतूत

राजेंद्र नगर के सरकारी फ्लैट का दुरुपयोग के मामले में विकास भवन से संबद्ध विकास विभाग के वरिष्ठ सहायक हरीश कुमार गंगवार का मामला प्रकाश में आने के बाद आवंटन की जांच प्रक्रिया अपनाई जा रही है। बता दें कि हरीश कुमार गंगवार ने अपने निजी आवास में जाने की सूचना विभाग को दी थी। इस पर विभाग ने फ्लैट संख्या टाइप 2 के भवन संख्या 13फ्/क् को पीडब्ल्यूडी कनिष्ठ लिपिक विकास सक्सेना को आवंटित कर दिया था। आवास पर सामान रखने पहुंचे विकास को वहां पर किराएदार तोमर का परिवार मिला। जिसकी सूचना उन्होंने अपर जिला मजिस्ट्रेट को पत्र के माध्यम से दी। एडीएम ने आवंटन रद कर डीएम, सीडीओ और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को मकान को सख्ती से खाली कराए जाने के आदेश दिए हैं। वहीं, विभिन्न फ्लैट्स की भी जांच के आदेश दिए हैं।

अपात्रों को सौंप दिए भवन

फ्लैट्स पर अवैध कब्जेदारों के अलावा मूल आवंटियों की ओर से भी खेल किए जाने की सूचना प्रशासन को मिली है। जिसमें भ्00 फ्लैट्स में से करीब भ्0 से ज्यादा लाभार्थियों ने हित साधने के लिए किराए पर उठा रखा है। पीडब्ल्यूडी विभागीय सूत्रों के मुताबिक अच्छी मासिक रकम लेकर किराए पर उठाने, उनके रिश्तेदारों को अथवा ताला बंद कर अच्छे किराया वसूलने वाले मूल आवंटी हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भी मूल आवंटी भी हैं, जिन्होंने आवंटन के बाद से ही किराए पर फ्लैट्स को मोटी रकम लेकर पूरी तरह से किसी अन्य अपात्र को सौंप दिए हैं। गौरतलब है कि ज्यादातर अवैध ढंग से कब्जेदारी के मामले में पुलिस व अन्य सरकारी विभागों में कार्य करने वाले कर्मचारी हैं।

- फ्लैट्स के लाभार्थियों द्वारा इसके दुरुपयोग का मामला सामने आया है। मूल आवंटियों की जांच होगी। जबाव न देने वाले आवंटियों पर फ्लैट्स के दुरुपयोग की कार्रवाई होगी।

संजीव भारद्वाज, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन