- वर्ष 2013-14 में खर्च दिखाई गई रकम, ऑडिट हुआ तो लगाई थी आपत्ति

- पूर्व जिपं अध्यक्ष, तत्कालीन एएमए, इंजीनियर समेत लेखाकार को बताय है दोषी

BAREILLY:

जिला पंचायत में 36 करोड़ रुपए से ज्यादा की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नीरू पटेल, तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी, इंजीनियर व लेखाकार को दोषी ठहराया गया है। साथ ही, दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति लेखाकार ने डीएम से की है।

लगे हैं कई खेल के आरोप

वर्ष 2013-14 में खर्च रकम का ऑडिट पिछले साल लेखा परीक्षक मिर्जाकर्रार हुसैन व विजय मिश्रा ने किया था। उन्होंने ऑडिट के दौरान आपत्ति लगाई। इनका निस्तारण नहीं किया गया तो अब उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी ने डीएम को पत्र लिखा है। कहा है कि निर्माण कार्य पर व्यय सामग्री व आपूर्ति से संबंधित प्रमाण नहीं हैं। गिट्टी, मौरंग, बालू व अन्य पर रॉयल्टी जमा चालान उपलब्ध नहीं है। निर्माण कार्यो से संबंधित पीडब्ल्यूडी, आरईएस, मंडी परिषद ने अनापत्ति पत्र प्राप्त नहीं किया। यह पूरी रकम 2339.84 लाख रुपए है।

सोलर लाइट भी गलत लगी

इसी तरह ऑडिट रिपोर्ट में शासनादेश के विपरीत सोलर लाइटों लगाने को गलत बताया है। कहा गया है कि इसे कार्रवाई में भी अंकित नहीं किया गया। सोलर लाइटों पर 18.98 लाख रुपए का खर्च दिखाया गया है। ऑडिट में यह भी कहा है कि 1212.75 लाख रुपए अनुदान की अवशेष धनराशि को शासन को वापस नहीं किया गया। 0.26 लाख शिफ्टिंग ऑफ मटीरियल का भुगतान ठेकेदारों को अधिक किया गया। इसके अलावा 51.16 लाख रुपए के ब्याज को शासन के नियम के विपरीत वापस न करके अपने पास रखा गया। किराएदारों पर शासनादेश के अनुसार किराया न बढ़ाए जाने के कारण लगातार हानि हुई है।

जिपं अध्यक्ष की जांच रिपोर्ट मांगी

अपर मुख्य सचिव चंचल कुमार तिवारी ने डीएम को चिट्ठी लिखी है। शिकायत की गई थी कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा असंवैधानिक कार्य कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। भुगतान पर रोक लगाने की मांग की गई है। प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक के पास यह मामला पहुंचा था। इसी को लेकर चल रही सीडी सहित जांच रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव ने मांगी है। अध्यक्ष संजय सिंह ने आरोप निराधार बताए हैं।

ऑडिट आपत्तियों के निस्तारण का उत्तरदायित्व जिपं अधिकारियों का है। उन्हें जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए आपत्तियों का निस्तारण करना था। जिपं के सभी कार्य नियमानुसार हुए हैं।

नीरू पटेल, पूर्व अध्यक्ष, जिपं

विभागीय ऑडिट में आपत्ति लगती हैं लेकिन उनका जवाब दे दिया जाता है और निस्तारित हो जाती हैं। इसका भी जवाब दिया जाएगा।

एसपी सिंह राघव, एएमए, जिपं