-करीब 600 किसानों ने बाईपास पर लेट कर जान देने की दी थी चेतावनी

-डीएम ने कलेक्ट्रेट में मीटिंग के बाद शासन स्तर पर पैरवी के लिए भेजा था

<-करीब म्00 किसानों ने बाईपास पर लेट कर जान देने की दी थी चेतावनी

-डीएम ने कलेक्ट्रेट में मीटिंग के बाद शासन स्तर पर पैरवी के लिए भेजा था

BAREILLY: BAREILLY: बड़ा बाईपास के किनारे के बिलवा, अहलादपुर, पालपुर, बिथरी चैनपुर समेत करीब तीन दर्जन गांवों के म्00 किसानों को एनएचएआई ने झटका दिया है। एनएचएआई ने किसानों की बढ़ा हुआ मुआवजा देने की डिमांड खारिज करते हुए मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया है। एनएचएआई के जीएम वीके बंसल ने एसएलओ को इस संबंध में पत्र भी भेज दिया है। एनएचएआई हेडक्वार्टर से आदेश आया है कि वह इस संबंध में कोर्ट में जवाब देंगे। किसान वर्ष ख्0क्फ् के सर्किट रेट पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। अब तक मुआवजा न मिलने से ख्0 किसानों की जान भी जा चुकी है। किसानों की अगुवाई करने वाले हरिशंकर गंगवार ने विरोध प्रदर्शन की बात कही है।

फ्फ् गांवों की जमीन का अधिग्रहण

एनएचआई के जीएम ने पत्र में लिखा है कि फ्फ् गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इन गांवों के अधिकांश किसानों ने नियम के तहत अपना मुआवजा ले लिया था लेकिन कुछ किसानों ने कोर्ट में केस डाल लिया था। कोर्ट में केस पेंडिंग चल रहा है। कोर्ट में पेंडेंसी के चलते ही किसानों ने हरिशंकर गंगवार के नेतृत्व में बड़ा बाईपास पर विरोध प्रदर्शन कर जान देने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद डीएम वीरेंद्र कुमार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि वह शासन स्तर पर बात करेंगे। ख्म् सितंबर ख्0क्8 को डीएम की अध्यक्षता में किसानों की मीटिंग भी हुई थी। डीएम ने इसके लिए एसएलओ को किसानों के साथ लखनऊ भी भेजा था ताकि हल निकल चुके लेकिन वहां भी फाइल राजस्व विभाग में अटक गई थी।