आई स्पेशल

- एडमिट गंभीर कोविड पेशेंट्स से स्टाफ कर रहा अपनों की तरह केयर

- पेशेंट्स की काउंसिलिंग के साथ ही चल रही म्यूजिक क्लास

अंकित चौहान, बरेली : कहते है न कि कुछ बीमारियां इलाज ही नहीं बल्कि अच्छे साथ के बाद भी दूर हो जाती हैं। ऐसा ही कुछ आपसी सामंजस्य 300 बेड कोविड एल टू हॉस्पिटल में स्टाफ और हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे गंभीर कोविड के पेशेंट्स के बीच देखने को मिल रहा है। यहां पेशेंट्स को बेहतर इलाज और सुविधाओं के साथ ही अपनों जैसा दुलार भी मिल रहा है।

आप बीमार हैं लेकिन हम हैं न

कोविड एल टू हॉस्पिटल में बीते एक सितंबर से कोविड के गंभीर मरीजों का भर्ती होने की प्रक्रिया शुरु हुई। ऐसे में नर्सिग स्टाफ बिल्कुल बुजुर्ग मरीजों के बाल बनाना, अगर वह मानसिक रुप से परेशान दिख रहे हैं तो स्टाफ उनसे परिवार की तरह बात कर रहा है जिससे उनका मनोबल बढ़े।

जब अपनों ने साथ छोड़ा आप हमारे साथ हैं

कोविड एल टू हॉस्पिटल में वर्तमान में 16 पेशेंट्स एडमिट हैं। पेशेंट्स इलाज के इस प्रकार संतुष्ट हैं कि फीडबैक के दौरान मरीज स्टाफ की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। मरीजों का कहना है कि इस बीमारी में घरवालों ने भी उनसे दूरी बना ली लेकिन स्टाफ बिना घबराए, उनकी देखरेख कर रहा है। यह सराहनीय है।

मेंटल केयर भी जरूरी

स्टाफ को हॉस्पिटल शुरु होने से पहले ही इस प्रकार की ट्रेनिंग दी गई थी। कि पेशेंट्स के इलाज के साथ ही मेंटल केयर भी करना जरुरी है। समय-समय पर पेशेंट्स का फीडबैक भी लिया जा रहा है।

सुनैना स्मार्ट, नर्सिग इंचार्ज

कोविड - 19 एक ऐसी बीमारी है जिसमें पेशेंट्स के साथ उनके परिजन नहीं होते हैं। ऐसे में अगर हम लोग भी उनसे अपनों जैसा व्यवहार नहीं करेंगे तो इसका गंभीर असर उनकी सेहत पर पड़ेगा।

ब्रोनिका, स्टाफ नर्स

पेशेंट्स की केयर के दौरान हम लोगों के कार्य की सराहना करते हैं इससे मनोबल बढ़ता है। कोविड ड्यूटी की वजह से पिछले एक साल से घर भी नहीं गई लेकिन जब पेशेंट्स से अच्छा रिस्पांस मिलता है तो अच्छा फील होता है।

पूजा बोहरा, स्टाफ नर्स

कोविड-19 ने हम हेल्थ वर्कर्स को साबित करने का मौका दिया कि हम लोग भी कितने हाई रिस्क पर होने के बावजूद भी हार नहीं मानते, कोविड पेशेंट्स को इलाज के साथ ही मेंटली सपोर्ट की भी आवश्यकता होती है हम सब भी वही सब कर रहे हैं।

दीपक कुमार, स्टाफ नर्स

वर्जन

वर्तमान में 16 पेशेंट्स एडमिट हैं, यहां निजी मेडिकल कॉलेज की तरह ही पेशेंट्स को इलाज दिया जा रहा है। हमने पेशेंट्स के मोरल सपोर्ट के लिए कुछ पहल भी की हैं। जिससे पेशेंट्स की ओर से अच्छा फीडबैक मिल रहा है।

डॉ। वागीश वैश्य, सीएमएस, कोविड एल टू हॉस्पिटल