साढ़े चार साल पहले भागे कैदी को एसटीएफ ने किया अरेस्ट

-पुणे में जाकर करने लगा था नौकरी, बेटी से मिलने आया था बरेली

BAREILLY: एक शातिर कैदी सेंट्रल जेल में साढ़े चार साल बाद फिर दाखिल हुआ है, जिसके आने की खबर मात्र से जेल प्रशासन के कान खड़े हो गए, क्योंकि यह वह कैदी है जिसके पैर तले जेल की ऊंची दीवारें भी छोटी पड़ गई थीं और वह जेल के सख्त पहरे की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया था। इस घटना के बाद तो सेंट्रल जेल एडमिनिस्ट्रेशन को सिक्योरिटी स्ट्रक्चर में बड़ा फेरबदल करना पड़ा था। ऐसे में, अब एक बार फिर इस कैदी के आने पर जेल एडमिनिस्ट्रेशन को सिक्योरिटी की चिंता सताने लगी है।

उम्रकैद में है सजायाफ्ता

रहीस पुत्र हबीब शाह बिजनौर डिस्ट्रिक्ट के मनियावाला अफजलगढ़ का रहने वाला है। वर्ष 2003 में उसने परिवार के ही एक सदस्य बेदूशाह की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेंट्रल जेल में वह उम्रकैद की सजा काट रहा था। इसी दौरान वह मौका पाकर सेंट्रल जेल से भाग निकला था।

2011 में हुअा था फरार

12 जनवरी 2011 की रात रहीस मौका ताड़कर सेंट्रल जेल की कैद को तोड़कर फरार हो गया था। पुलिस ने उस पर 15 हजार का ईनाम घोषित कर दिया था। तब से पुलिस और एसटीएफ उसकी तलाश में लगी हुई थी, लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था। इसकी वजह यह भी थी कि पुलिस के पास उसकी फोटो भी नहीं थी। हालांकि, जांच में जुटी रही पुलिस यह पता लगाने में सफल हुई थी कि वह पुणे में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रहा है। यह भी जानकारी मिली की वह रामनगर में बेटी से मिलने अक्सर आता रहता है। लंबे वक्त से रहीस पर आंख गड़ाए एसटीएफ ने आखिरकार उसकी पहचान कर ही ली। मुखबिर ने जैसे ही बताया कि रहीस 24 जून को इज्जतनगर आ रहा है तो वह चौकस हो गई। फिर उसे जाल बिछाकर 24 जून की रात इज्जतनगर मंडी गेट से धर दबोचा।

ऐसे भागा था जेल से

वर्ष 2011 में सेंट्रल जेल की मेन बाउंड्री वॅाल की हाइट 16 फुट थी। रहीस जेल में काम करता था। इस दौरान उसने देख लिया कि बैरक की दीवार एक ईट की बनी हुई है। इस बैरक में कबाड़ का सामान भरा रहता था। 12 जनवरी 2011 को घने कोहरे की रात में उसने दीवार की ईटें निकालीं और स्टोर रूम में चला गया। यहां उसने स्टोर रूम से दो बल्लियों की सीढ़ी बनाई और मेन दीवार तक पहुंच गया। फिर वह सीढ़ी से चढ़कर दीवार कूदकर भाग गया था। जेल के सोर्स बताते हैं कि सेंट्रल जेल से भागने वाला रहीस पहला कैदी था।

दीवार की ऊंचाई बढ़ाई गई

सेंट्रल जेल के सुपरिंटेंडेंट एक के राय ने बताया कि इस मामले में डिप्टी जेलर अमर जीत सिंह छुट्टी पर थे और चंद्रपाल त्रिपाठी को डिप्टी जेलर का चार्ज था। वह जेल के अंदर न रहकर बाहर चले गए थे। इस मामले में दोनों डिप्टी जेलर के खिलाफ कार्रवाई के अलावा 7 पुलिसकर्मी भी सस्पेंड किए गए थे। बाद में बैरक की दीवार को मोटा बनवाया गया था और मेन बाउंड्री वॅाल की ऊंचाई भी बढ़ाकर 21 फुट कर दी गई।