पैगम्बरे मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी का आरोप

विरोध में आलाहजरत से अयूब खां चौराहे तक निकाला जुलूस

बरेली। पैगम्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी से फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भड़के आक्रोश ने थर्सडे को पुलिस के भी हाथ पांव फुला दिए। आक्रोशित भीड़ कोविड-19 की गाइड लाइन की परवाह किए बिना ही जुलूस की शक्ल में आलाहजरत से अयूब खां चौराहे पर पहुंची। यहां भीड़ ने नबी की शान में गुस्ताखी के विरोध में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान भीड़ ने फ्रांस का झंडा भी जलाया। झंडा जलाने रोकने पर भीड़ की पुलिस से नोकझोंक तक हुई। पुलिस ने भीड़ को फ्रांस के झंडे को जलाने से रोकने की कोशिश भी की।

भीड़ देख लोग भी रहे दंग

अयूब खां चौराहे पर थसर्ड को दोपहर में अचानक एकजुट हुई सैकड़ों की भीड़ देखकर यहां से गुजरने वाले भी दंग रह गए। यह भीड़ आलाहजरत दरगाह से जुड़े संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा की अगुवाई में यहां जुटी थी। भीड़ की अगुवाई कर रहे मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां और जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां यहां अपने संबोधन में कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने नबी की शान में गुस्ताखी कर विश्वभर के मुसलमानों की भावना को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने भीड़ से फ्रांस निर्मित वस्तुओं का विरोध करने की भी अपील की।

सिटी मजिस्ट्रिेट को सौंपा ज्ञापन

विरोध प्रदर्शन की सूचना पर ही सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार भी अयूब खां चौराहे पर पहुंच गए थे। यहां उन्होंने भी भीड़ को शांत करने की कोशिश की। इसके बाद भीड़ में शामिल संगठन के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर सुभान हसन खां, मौलाना राहत, मौलाना शम्स रजा, मौलाना सैयद सैफ अली कादरी, हाफिज इकराम रजा खां, समरान खांन, डॉ। मेंहदी हसन, मौलाना निजामुद्दीन, मोईन खांन, अब्दुल्लाह रजा खां, बख्तियार खां, शाईबुद्दीन रजवी, वसीम रजा,फैजान रजा, आकिल रजा, डॉ। जफर रजा आदि मौजूद रहे।