- करीब एक साल से अधूरा पड़ा है फुट ओवर ब्रिज

- अधिकारियों की जंग में परेशान हो रहे रेल यात्री

<- करीब एक साल से अधूरा पड़ा है फुट ओवर ब्रिज

- अधिकारियों की जंग में परेशान हो रहे रेल यात्री

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली जंक्शन पर नॉर्दर्न रेलवे और नॉर्दर्न इस्टर्न रेलवे में इन दिनों बॉर्डर वॉर छिड़ा हुआ है। जंग फुट ओवर ब्रिज को लेकर छिड़ी हुई है, जो रिनोवेट के फेर में अधूरा खड़ा है। अधिकारियों की लड़ाई का दंश रेल यात्री झेल रहें हैं।

नए के फेर में पुराना भी टूट गया

एनआर यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर एक से सुभाषनगर साइड जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज बहुत पहले से बनवाए था। एनईआर की नए प्लेटफार्म संख्या भ् व म् का काम करीब एक वर्ष पहले शुरू हुआ तो रिनोवेट करने के लिए ब्रिज को भी तोड़ दिया गया। ताकि, ब्रिज की ऊंचाई, चौड़ाई और लम्बाई बढ़ाई जा सके। एनईआर (सुभाषनगर की तरफ) और जीआरपी की ओर से एनआई (जीआरपी) की तरफ दोनों ही साइड से फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया। दोनों तरफ से ब्रिज बन कर जब प्लेटफार्म नम्बर भ् के पास पहुंचा तो निर्माण कार्य रुक गया।

लड़ाई में बांट दिए यात्री

दोनों तरफ से बन कर तैयार फुट ओवर ब्रिज को बीच में जोड़ने के नाम पर एनआर और एनईआर एक-दूसरे पर निर्माण कार्य टालने लग गए हैं। एनआर का कहना है कि प्लेटफार्म नम्बर भ् व म् की ओर उसके मुसाफिर नहीं जो हैं, तो ब्रिज का निर्माण वह क्यों कराए। वहीं एनईआर कहता है कि जब पहले से यह ब्रिज एनआर का था तो वह निर्माण कार्य क्यों नहीं करा रहा है। दोनों की लड़ाई में ब्रिज का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। निर्माण कार्य पिछले एक साल से लटका पड़ा है। जबकि, गाटर भी रखा हुआ है।

एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीच में एनईआर ने फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पहल भी की। इसके लिए उसने पहले से पड़े लोहे का गाटर इस्तेमाल करने की बात कही, लेकिन यह बात एनआर के अधिकारियों को रास नहीं आई। उन्होंने गाटर इस्तेमाल करने पर जीआरपी में एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दे डाली। लिहाजा फुट ओवर ब्रिज के निर्माण का यह प्रयास भी बीच में ही दम तोड़ गया।

मुसाफिरों की जान जोखिम में

इन दोनों की लड़ाई में मुसाफिरों की जान जोखिम में हैं। प्लेटफार्म नम्बर क्,ख्, फ् और ब् से जंक्शन के पीछे वाले गेट की तरफ जाने के लिए लाइनों को क्रॉस करके जाना पड़ता है। वहीं कुछ मुसाफिर को अधूरे पड़े फुट ओवर ब्रिज के सहारे किसी तरह निकलते हैं। या फिर उन्हें टिकट रिजर्वेशन की तरफ से बने फुट ओवर ब्रिज पर आना पड़ता है। इसके लिए मुसाफिरों को काफी घूमना पड़ता है। लगेज साथ होने के कारण वह असमर्थ होते हैं।

फुट ओवर ब्रिज पहले से एनआर का बना हुआ था। ऐसे में, उसे ही निर्माण कार्य कराना चाहिए। हालांकि, हम लोगों ने पहले से पड़े हुए उनके गाटर इस्तेमाल कर ब्रिज बनाने की बात कही थी, लेकिन एनआर के लोगों ने जीआरपी में एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दे दी।

राकेश्वर दयाल, एसएस, एनईआर, बरेली जंक्शन

एनईआर के प्लेटफार्म नम्बर भ् पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। मुसाफिरों को एनआर के बने रैम्प का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जहां तक फुट ओवर ब्रिज की बात है वह ऊपर का मामला है। जैसा निर्देश होगा वैसा होगा।

चेतन स्वरुप शर्मा, एसएस, एनआर, बरेली जंक्शन