- आरबीआई बैंक्स से तीन प्वॉइंट पर मांग रहा है फुटेज

- अधिकतर बैंक्स के सीसीटीवी हैं खराब या रहते हैं बंद

BAREILLY: नोटबंदी के बाद बैंकर्स से सांठ-गांठ कर धनकुबेरों ने ब्लैकमनी को व्हाइट कर लिया। इस काम में बैंक्स की लिप्तता के कारण आरबीआई ने बैंक्स से तीन प्वाइंट पर सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं। आरबीआई के इस फैसले से बैंक्स के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। क्योंकि, जिले के अधिकतर बैंक्स के सीसीटीवी खराब पड़े हैं या हर समय बंद रहते हैं।

दो महीने का मांगा फुटेज

आरबीआई ने बैंक्स से दो महीने का फुटेज मांगा है। आरबीआई ने कहा है कि, बैंक्स 8 नवंबर से 30 दिसम्बर तक की फुटेज सेव रखें। आरबीआई ने बैंक्स से करेंसी चेस्ट, कैश काउंटर और हॉल सहित तीन प्वाइंट पर फुटेज मांगी है। ताकि, नोट एक्सचेंज और जमा करने में हुई गड़बडि़यों का पता चल सके। फुटेज नहीं देने वाले बैंक्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बैंक अधिकारी परेशान

सीसीटीवी फुटेज मांगें जाने के बैंक्स अधिकारियों और कर्मचारियों की टेंशन बढ़ गई है। क्योंकि, नोटबंदी के फैसले के बाद बैंक्स ने अपने ब्रांच में भीड़ को देखते हुए कैश काउंटर तो बढ़ा दिए हैं, लेकिन उन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए ही नहीं। सामान्य दिनों की तरह ही उनके ब्रांच में सीसीटीवी लगे हुए हैं। ऐसे में अधिकारियों के सामने यह मुसीबत आ रही है कि वह नए बनाए गए कैश काउंटर की जगह की फुटेज आरबीआई को कैसे मुहैया करा पाएंगे।

पर्याप्त नहीं लगे हैं सीसीटीवी

कई बैंक्स में करेंसी चेस्ट, कैश काउंटर और हॉल में सीसीटीवी लगे ही नहीं हैं। इनमें से किसी एक जगह पर ही कैमरे लगे हुए हैं। जिन बैंकों में तीनों जगहों पर सीसीटीवी लगे हुए हैं, उनमें से सब ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। वहीं कुछ बैंक्स के कैमरे हमेशा बंद ही पड़े रहते हैं। हालांकि, आरबीआई का आदेश मिलने के बाद बैंक्स ने सीसीटीवी को ठीक कराना शुरू कर दिया है।

आरबीआई के निर्देश का सभी बैंकों को अच्छे से पालन करने को कहा गया है। सभी को फुटेज रखने की सलाह दी गई है।

ओपी वडेरा, मैनेजर, लीड बैंक, बीओबी