- थानों और बस स्टेशन पर लगे आरओ और यूवी सिस्टम का हैं खराब

- शुद्ध पानी की जगह पब्लिक को पिला रहे दूषित पानी

BAREILLY:

सार्वजनिक स्थानों पर लगे आरओ और यूवी के नाम पर पब्लिक को धोखा दिया जा रहा है। बस स्टेशन और पुलिस स्टेशन पर लगे आरओ खराब पड़े हुए हैं। यहां तक की समयसीमा खत्म हो जाने पर फिल्टर चेंज नहीं किया गया है। आरओ को मेंटीनेंस करने की बजाय वॉटर कूलर से आरओ का कनेक्शन अधिकारियों ने हटा दिये हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने वेडनसडे को जब रियलिटी चेक किया तो सच्चाई सामने आई। जो कि हेल्थ के लिहाज से बेहद खतरनाक हैं।

फिल्टर चेंज करने की डेट खत्म

नॉवेल्टी बस स्टेशन पर लगे वॉटर कूलर का फिल्टर नहीं बदला गया है। जबकि तीन महीने पहले ही फिल्टर चेंज करने की डेट बीत चुकी है। वॉटर कूलर के मेंटीनेंस की लास्ट डेट 5 अक्टूबर 2016 थी, वहीं फिल्टर चेंज करने की लास्ट डेट 5 मई 2017 निर्धारित थी। दोनों की ही डेट बीते काफी समय हो चुका है। फिर भी परिवहन निगम के अधिकारी इस बात का ध्यान नहीं दे रहे हैं और यात्रियों के हेल्थ से खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि, नॉवेल्टी बस स्टेशन आईएसओ प्रमाणित हैं।

थानेदारों ने डायरेक्ट जोड़ दिया कनेक्शन

वहीं एक इंश्योरेंस कंपनी की ओर से शहर के विभिन्न थानों में लगाये गये आरओ सिस्टम का भी खस्ता हाल है। कोतवाली में लगा आरओ पिछले 6 महीने से खराब पड़ा हुआ है। आरओ और फ्रीजर अलग-अलग हैं। बारादरी थाने लगे आरओ का फिल्टर चेंज करने की बजाय थानेदार साहब ने पाइप को डायरेक्ट नल से जोड़वा दिया है। जिसे लोग आरओ का पानी समझ कर पीते हैं दरअसल, वह टंकी पानी होता है। यही स्थिति कैंट थाने में लगे आरओ की भी है। कैंट थाने में 3 महीने से आरओ सिस्टम खराब पड़ा हुआ है, लेकिन थाना इंचार्ज उसकी मरम्मत कराने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।

आरओ का पानी नहीं मीठा जहर है

इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है कि आरओ और यूवी पानी को सही तरह से शुद्ध करने का काम करता है। यूवी जहां वायरस को डिएक्टिवेट कर देता है। वहीं आरओ उसे फिल्टर कर अलग कर देता है। यह तभी तक पानी को पूर्ण रुप से शुद्ध कर सकता है जब तक इसके पा‌र्ट्स सही रहते हैं। पर जैसे ही आरओ का फिल्टर पा‌र्ट्स पुराना या खराब होता है इसकी कार्य क्षमता भी कम हो जाती है। कार्य क्षमता कम होने के कारण पानी में न सिर्फ टीडीएस बढ़ जाता है। बल्कि बैक्टीरिया का भी खतरा रहता है। आरओ सिस्टम में लगी पानी की टंकी और पाइप में कचरा जमा हो जाने के कारण कुछ दिन बाद ही संक्रमण का खतरा पैदा कर देता है।

कैसे करें पानी की शुद्धता का पहचान

- पानी में कड़वापन।

- पानी का स्वाद कठोर होना।

- बोतल में 2 दिन रखने के बाद पानी में पीलापन।

- पानी का सामान्य दांतों में भी लगना।

- पानी को उबालने पर चूना जैसा निकलना।

- पानी रखने वाले जार में चूना जैसा जमना

- समस्या आने पर तत्काल टोटल डिजाल्व सॉलिड (टीडीएस )चेक कराएं।

यह हो सकती है प्रॉब्लम्स

- पानी से शरीर में पहुंचते हैं बैक्टीरिया।

- शरीर में बैक्टीरिया पहुंचने से डायरिया होने का खतरा।

- संक्रमण से बुखार का खतरा होता है।

- पेट की गड़बड़ी जैसे भूख नहीं लगना या खाना नहीं पचना।

- लिवर में सूजन या फिर उससे संबंधित अन्य संक्रमण।

आरओ सिस्टम का 5 महीने में सर्विसिंग जरूरी है। ऐसा होने से बैक्टिरिया फैलने का खतरा नहीं होता है। वहीं यूवी हानिकारक वायरस को डिएक्टिवेट करने का काम करता है। खराब होने पर पानी की शुद्धता का कोई मायने नहीं होता है। यह हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

मयंक अग्रवाल, एक्सपर्ट

यदि सार्वजनिक स्थान पर आरओ सिस्टम लगा है, तो उसका मेंटीनेंस भी होनी चाहिए। विभाग की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस बात का ध्यान दें। क्योंकि ज्यादातर बीमारियां गंदा पानी पीने की वजह से ही होती है।

योगेश पांडेय

यह पब्लिक के साथ धोखा है। कोई भी सुविधा पब्लिक के लिए है, तो उसकी केयर करना संबंधित विभाग के अधिकारियों की होनी चाहिए। सिर्फ सुविधा या सर्विस शुरू होने से ही कुछ नहीं होता है।

मोनिका शर्मा