-इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर स्कीम के तहत 400 टीचर्स का बरेली में हुआ ट्रांसफर

-अभी तक टीचर्स को आवंटित नहीं किए गए स्कूल्स, काउंसलिंग हुई थी कैसिंल

>BAREILLY: एक ओर से डिस्ट्रिक्ट में करीब डेढ़ सौ परिषदीय स्कूल्स टीचर्स की कमी के चलते बंद हैं तो दूसरी ओर चार सौ टीचर्स स्कूल आवंटन के इंतजार में हैं। इंटर डिस्ट्रिक्ट स्कीम के तहत ट्रांसफर होकर आए टीचर्स पिछले दो महीने से रोज बेसिक शिक्षा विभाग के ऑफिस पहुंचकर हाजिरी लगाकर लौट जा रहे हैं। इससे उनका तो नुकसान नहीं हो रहा है। क्योंकि टीचर्स को बिना पढ़ाए ही सैलरी मिल रही है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है।

400 टीचर्स का हुआ था ट्रांसफर

शासन ने अगस्त माह की शुरुआत में इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर स्कीम के तहत टीचर्स से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। करीब 400 टीचर्स ने बरेली जिले में आने की दिलचस्पी दिखाई। बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी 400 टीचर्स का बरेली ट्रांसफर कर दिया। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि सभी टीचर्स को स्कूल्स आबंटित कर दिया जाए। बेसिक शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग के लिए 10 सितम्बर की तारीख फिक्स की। लेकिन किसी कारण से काउंसलिंग नहीं हो सकी। इस कारण टीचर्स को स्कूल्स आवंटित नहीं हो सके।

हो रहा है दोहरा नुकसान

वहीं बेसिक शिक्षा विभाग ने इन सभी टीचर्स से कहा कि सुबह दस बजे से दिन में एक बजे तक ऑफिस में आकर हाजिरी लगा लें।

इसके लिए हाजिरी का रजिस्ट्रर भी रखवाया गया है। इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर स्कीम के तहत तबादला होकर बरेली आए टीचर्स हाजिरी लगाकर वापस लौट जाते हैं। स्कूल्स आवंटित नहीं होने के कारण टीचर्स पढ़ाने नहीं जा पा रहे हैं। इस कारण परिषदीय स्कूल्स की शिक्षा का स्तर दिनोंदिन गिरता जा रहा है। जिले के करीब डेढ़ सौ बंद स्कूल्स पर ताले नहीं खुल पा रहे हैं। वहीं सरकार को मजबूरी में टीचर्स को घर बैठने की सैलरी देनी पड़ रही है।

काउंसलिंग कराने की मांग

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार ने बीएसए को ज्ञापन सौंपा। इसके माध्यम से उन्होंने जेंट्स टीचर्स की भी महिला और दिव्यांग टीचर्स की तरह काउंसलिंग कराके स्कूल्स आवंटित करने की मांग की है।

जल्द ही काउंसलिंग कराके टीचर्स को स्कूल्स आबंटित किए जाएंगे। महिला और दिव्यांग शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। वहीं जेंट्स टीचर्स की रोस्टर के मुताबिक तैनाती होगी।

एश्वर्या लक्ष्मी यादव, बीएसए