-ट्रैफिक रूल्स ब्रेक करने वालों की आजादी के 70 साल बाद भी नहीं बदली आदत

-दो सप्ताह के अभियान में 6 हजार से अधिक वाहन चालकों के काटे गए थे चालान

BAREILLY: एक्सीडेंट पर रोक लगाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ दो सप्ताह सख्त अभियान चलाया गया था। बरेली में भी पुलिस ने अभियान के तहत ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले 6 हजार से अधिक वाहन चालकों के चालान किए थे, लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। आजादी के 70 साल हो गए हैं, लेकिन ट्रैफिक रूल्स ब्रेक करने वालों की आदत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सिटी में अभी भी बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, और ईयर फोन लगाकर वाहन चलाने वाले नजर आ रहे हैं।

28 जुलाई से चला थ्ा अभियान

ट्रैफिक पुलिस ने सिविल पुलिस के साथ मिलकर 28 जुलाई से अभियान शुरू किया था और अभियान की समाप्ति 10 अगस्त को हुई। इस दौरान दिन के हिसाब से बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, मोबाइल पर बात करने, ओवर स्पीड, समेत अन्य वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान पुलिस ने 6,369 चालान काटे और 29,44,900 रुपए का शमन शुल्क भी वसूला। इसके बावजूद भी अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। अभियान से एक बात तो साफ हो गई कि पुलिस ने अपना टारगेट पूरा कर लिया। क्योंकि ट्रैफिक पुलिस को साढ़े 7 लाख रुपए और थानों को 50-50 हजार रुपए का शमन शुल्क वसूलने का टारगेट दिया गया था।

रोजाना होते हैं एक्सीडेंट

ट्रैफिक रूल्स तोड़ने से सबसे ज्यादा नुकसान वाहन चालक को होता है, क्योंकि इसकी वजह से आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं। इन एक्सीडेंट में कई लोग अपनी जान गवां देते हैं, तो कई लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। इसके बावजूद भी न तो लोग सुधरने का नाम लेते हैं और न ही सरकारी सिस्टम इसमें सुधार ला पा रहा है।

1 जनवरी 2014 से 31 माचर् 2017 तक

- 2962 हादसे हुए

-1221 लोगों की गई जान

- 2206 लोग हुए घायल