स्टूडेंट्स को एजुकेशन के साथ फील्ड में स्किल्ड बनाने के लिए की गई पहल

एनएसक्यूएफ और एआईसीटीई ने तैयार किया था वोकेशनल एजुकेशन का प्रोफार्मा

<स्टूडेंट्स को एजुकेशन के साथ फील्ड में स्किल्ड बनाने के लिए की गई पहल

एनएसक्यूएफ और एआईसीटीई ने तैयार किया था वोकेशनल एजुकेशन का प्रोफार्मा

BAREILLY:

BAREILLY: हायर एजुकेशन महज डिग्री तक ही सीमित न रहे। स्टूडेंट्स एजुकेशन के साथ अपने फील्ड में स्किल्ड भी बनें इसके लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने हायर एजुकेशन के लेवल पर वोकेशनल कोर्सेज स्टार्ट करने की पहल की। पहले चरण में बैचलर डिग्री कोर्स लागू करने के बाद अब इस क्रम में मास्टर कोर्स भी लॉन्च कर दिया है। यूजीसी ने इसको लेकर गैजेट भी जारी कर दिया है। मास्टर कोर्स वही कर सकता है जिसने तीन वर्षो का वोकेशनल की बैचलर की डिग्री ली हो। यह कोर्स लॉन्च करने के पीछे यूजीसी की मंशा यही है कि मार्केट के लिए ऐसे डिग्रीधारकों की खेप तैयार हो जो अपने-अपने क्षेत्र में काम करने की काबिलियत रखते हों।

एआईसीटीई ने की हेल्प

नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशंस फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ<हायर एजुकेशन महज डिग्री तक ही सीमित न रहे। स्टूडेंट्स एजुकेशन के साथ अपने फील्ड में स्किल्ड भी बनें इसके लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने हायर एजुकेशन के लेवल पर वोकेशनल कोर्सेज स्टार्ट करने की पहल की। पहले चरण में बैचलर डिग्री कोर्स लागू करने के बाद अब इस क्रम में मास्टर कोर्स भी लॉन्च कर दिया है। यूजीसी ने इसको लेकर गैजेट भी जारी कर दिया है। मास्टर कोर्स वही कर सकता है जिसने तीन वर्षो का वोकेशनल की बैचलर की डिग्री ली हो। यह कोर्स लॉन्च करने के पीछे यूजीसी की मंशा यही है कि मार्केट के लिए ऐसे डिग्रीधारकों की खेप तैयार हो जो अपने-अपने क्षेत्र में काम करने की काबिलियत रखते हों।

एआईसीटीई ने की हेल्प

नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशंस फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) ) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन <और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ((एआईसीटीई) ने मिलकर वोकेशनल एजुकेशन का प्रोफार्मा तैयार किया था। इसके तहत पहले तीन वर्ष का बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स शुरू किया गया। इसके तहत पहले ईयर में डिप्लोमा, दूसरे ईयर में एडवांस डिप्लोमा और तीसरा ईयर खत्म होने के बाद डिग्री सर्टिफिकेट अवार्ड की जाती है। यह कोर्स करने के बाद मास्टर कोर्स कर अब स्टूडेंट्स अपने-अपने क्षेत्र में स्पेशलाइज्ड बन सकते हैं। ठीक उसी तरह जैसे एमबीबीएस के बाद एमडी, एमबीए समेत कई प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई होती है।

यूजीसी देती है अनुदान

केंद्र सरकार की पहल पर यह कोर्स शुरू करने के लिए यूजीसी यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज को ग्रांट भी देती है। तीन वर्ष के बैचलर कोर्स के लिए यूजीसी क्.8भ् करोड़ रुपए तक ग्रांट देती है। कोर्स शुरू करने के लिए पहले भ्0 लाख रुपए की पहली किस्त जारी की जाती है। ताकि यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज कोर्स शुरू करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर सकें। इसके तहत वे लैब, लर्निग मैटीरियल, प्रैक्टिकल के लिए मशींस समेत कई संशाधन जुटा सकते हैं। इसके अलावा यूनिवर्सिटीज और कॉलेज को एक एसोसिएट प्रोफेसर और दो असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 7भ् लाख रुपए की भी ग्रांट दी जाती है।