गोरखपुर (ब्यूरो)। तीन किलोवाट से चल रही थी होटल में सप्लाई दरअसल बिजली निगम की विजिलेंस टीम सेकेंड ने 30 मार्च को गीडा स्थित अवध होटल में छापेमारी मारकर बिजली की चोरी पकड़ी। परिसर में तीन किलोवाट के बिजली कनेक्शन से बिजली इस्तेमाल की जा रही थी। परिसर में जो मीटर लगाया गया था, उसका नंबर ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में कनेक्शन पर दर्ज नहीं था। इस मीटर की रीडिंग 56 हजार 123 थी। कनेक्शन पर जो मीटर दर्ज था, उस पर भी 54 हजार रुपए से ज्यादा का बकाया था। इतना ही नही परिसर में लगे मीटर में एमडी 15.24 किलोवाट मिली। विजिलेंस प्रभारी ने एंटी थेफ्ट बिजली थाना में एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही चीफ इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद को पूरे मामले की जानकारी दी।

संचालक को पहुंचा रहे थे लाभ

चीफ इंजीनियर ने जांच के लिए दो अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) की कमेटी बना दी है। कमेटी रिपोर्ट में यह बात सामने आई की होटल संचालक से करीब डेढ़ साल पहले ही रकम लेकर मैनुअल लोड बढ़ाया गया। उसकी ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में फीडिंग न करके हर माह होटल संचालक को लाभ पहुंचाया गया। यदि लोड की फीडिंग समय से हो जाती तो निगम को हर माह 15 हजार का राजस्व मिलता। इस तरह से अभियंताओं ने डेढ़ साल में करीब तीन लाख रुपए की चपत लगा दी। इतना ही नहीं इसमें रीडिंग स्टोर वाले मीटर को बदलने का खेल भी उजागर हुआ। विजिलेंस टीम को मौके पर दो मीटर मिले। एक मीटर में 56 हजार रीडिंग थी। जबकि सिस्टम में महज 3090 यूनिट का बिल बना था। इस तरह से लाखों की चपत निगम को लगी.

गीडा में बिजली चोरी का प्रकरण की जांच में खंड के एक्सईएन की लापरवाही समाने आई है। पूर्वांचल एमडी के निर्देश पर एक्सईएन को पांच बिन्दुओं पर आरोप पत्र देकर सप्ताहभर में जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद अगली कार्रवाई तय होगी।

राजेंद्र प्रसाद, चीफ इंजीनियर