- सिटी में दो कपड़ा कारोबारी से मांगी गई रंगदारी

- तीन महीने में कई व्यापारियों से मांगी जा चुकी है रंगदारी

GORAKHPUR: पूर्वाचल में रंगदारी और फिरौती का खेल एक बार फिर शुरू हो गया। दो दशक पहले गोरखपुर में रंगदारी का दौर चरम पर था और कुछ समय से वारदात सिलसिलेवार हो रही है। आज एक बार फिर रंगदारी और फिरौती की वारदातों ने गोरखपुर को अपने शिकंजे में ले लिया। व्यापारी और डॉक्टर से रंगदारी मांगने वाले मामले में पुलिस अभी पर्दा उठा ही नहींपाई थी कि एक स्कूल प्रबंधक, ईट भट्टा मालिक और दो कपड़ा कारोबारियों से रंगदारी मांगी गई। तीनों मामले में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहींलगा।

थम नहीं रही रंगदारी

ईट भट्ठा मालिक से एक करोड़ की रंगदारी के बाद सिटी के दो कपड़ा कारोबारियों से म्0 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। राजघाट के एक कपड़ा कारोबारी से क्8 अप्रैल को पचास लाख रुपए और राजघाट एरिया में रहने वाले एक अन्य कपड़ा कारोबारी से दस लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जानकारी पुलिस को थी और रंगदारी मांगने वालों पर पुलिस ने शिकंजा भी कसा था, लेकिन बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके। पुलिस अभी तक ईट भट्ठा मालिक से एक करोड़ की रंगदारी मामले में भी आरोपी तक नहीं पहुंच सकी है।

पुलिस की परेशानी फर्जी सिम कार्ड

अपराधियों द्वारा फर्जी आईडी पर सिम कार्ड हासिल करना पुलिस के लिए सबसे बड़ सिरदर्द है। पुलिस नंबर तो ट्रेस कर लेती है लेकिन फर्जी आईडी होने के चलते असली अपराधी तक नहीं पहुंच पाती है। हालांकि इस मामले पुलिस भी कम दोषी नहींहै, क्योंकि अभी तक सिटी में फर्जी आईडी पर सिम बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

पेशी पर आने वाले बदमाशों पर निगाह

हाल ही में रंगदारी मांगने के कुछ ऐसे मामले भी प्रकाश में आए हैं, जिसमें बाहरी बदमाशों का नाम आया है। एक-दो मामले में फरार शातिर बदमाश चंदन सिंह को नामजद किया गया है। ईट भट्ठा मालिक से रंगदारी मांगने में गाजीपुर के एक बदमाश का नाम प्रकाश में आया था। सिटी के व्यापारियों से रंगदारी मांगने में भले ही बाहरी बदमाशों का नाम सामने आ रहा हो, लेकिन माना जा रहा है कि स्थानीय अपराधी भी उनकी मदद करे हैं। पुलिस का मानना है लोकल मुखबिरी के बिना व्यापारियों की जानकारी संभव नहींहै। व्यापारियों की रैकी की जा रही है। पुलिस की जांच जिला कारागार तक भी पहुंची है। माना जा रहा है कि सूत्रधार जेल में भी मौजूद हैं। इसके अलावा जेल से पेशी पर आने वाले बदमाशों पर भी निगाह रखी जा रही है।

मामले की छानबीन की जा रही है। जिस नंबर से धमकी के लिए कॉल आई थी वह सिम फेक आईडी से ली गई थी।

रमाकर यादव, एसओ शाहपुर