गोरखपुर (ब्यूरो)। सर्किट हाउस में जीडीए उपाध्यक्ष ने महायोजना 2031 तैयार करने की जरूरतों के बारे में बताया। सिलसिलेवार ढंग से एक-एक बिन्दु की व्याख्या की। महायोजना में

निर्धारित भू उपयोगों को मानचित्र के माध्यम से समझाया। बीच-बीच में सीएम ने कछ सवाल भी किए गए, जिसका उत्तर दिया गया। सीएम को बताया गया कि स्थापना के बाद से

अब तक गोरखपुर विकास क्षेत्र सवा दो गुना बढ़ चुका है। 1977 में स्थापना के समय 180 राजस्व गांव एवं नगर क्षेत्र मिलाकर 285 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इसमें शामिल था। वर्ष

2020 में इस क्षेत्र में 233 नए राजस्व गांव एवं मुंडेरा बाजार, पीपीगंज व पिपराइच नगर पंचायत जोड़ दिए गए।

गोरखपुर घोषित है मेट्रोपॉलिटन सिटी

वर्तमान में विकास क्षेत्र का क्षेत्रफल करीब 642 वर्ग किलोमीटर हो चुका है। गोरखपुर को मेट्रोपालिटन सिटी घोषित किया जा चुका है और इसलिए महायोजना 2031 को भी उसी के

अनुसार तैयार किया गया है। वर्तमान महायोजना में विनियमितीकरण के रूप में प्रस्तावित 25 कॉलोनियों में आवासीय भू उपयोग कर यहां बने मकानों पर से अनधिकृत निर्माण का

धब्बा मिटाने की पहल भी की गई है। वर्तमान शहर की जनसंख्या करीब 13 लाख है जबकि नई महायोजना को 20 लाख जनसंख्या को आधार मानकर तैयार किया गया है। प्रेजेंटेशन

के दौरान डीएम विजय किरन आनंद, जीडीए के मुख्य अभियंता पीपी सिंह आदि मौजूद रहे।

बोर्ड में रखेंगे महायोजना का प्रारूप

महायोजना के प्रारूप को मंजूरी के लिए जीडीए बोर्ड में रखा जाएगा। यहां से मंजूर होने के बाद आपत्ति व सुझावों के लिए वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। आपत्ति एवं सुझावों

के अनुसार परिवर्तन करने के बाद फिर बोर्ड से पास कराया जाएगा और अंतिम प्रकाशन के लिए शासन को भेज दिया जाएगा। शासन से इस महायोजना 2031 को प्रकाशित किया

जाएगा। प्रकाशन के साथ ही नई महायोजना प्रभावी हो जाएगी।

महायोजना 2031 के ये हैं महत्वपूर्ण प्रस्ताव -

- विनियमितीकरण के रूप में प्रस्तावित महानगर की 25 कॉलोनियों में आवासीय भू उपयोग प्रस्तावित किया जा रहा है। इससे करीब 2.5 लाख की जनसंख्या को लाभ होगा।

- शहर में भू उपयोगों के अंतर्गत वर्तमान में कई तरह के विकास हो गए हैं। इन विकास कार्यों के अनुरूप महायोजना में प्रस्ताव दिया गया है।

- महानगर में जलभराव की समस्या के निदान के लिए जीडीए द्वारा तैयार ड्रेनेज प्लान को महायोजना में समावेशित किया गया है।

- लाइट रेल ट्रांजिट कॉरिडोर यानी मेट्रो रूट पर बाजार मार्ग का प्रस्ताव किया गया है। यहां व्यावसायिक गतिविधियां हो सकेंगी।

- महराजगंज मार्ग जंक्शन पर नया बस अड्डा प्रस्तावित किया गया है।

- महराजगंज मार्ग जंक्शन, देवरिया मार्ग जंक्शन के पास नवीन ट्रांसपोर्टनगर प्रस्तावित है।

- गोरखपुर को जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रांतीय राजमार्गों एवं रिंग रोड के दोनों ओर महायोजना में पहली बार हाइ वे फैसिलिटी जोन की व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत

होटल, मोटल, पेट्रोलपंप, हॉस्पिटल, शैक्षिक सुविधाएं, वेयरहाउस आदि का निर्माण हो सकेगा।

- कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को ध्यान में रखते हुए कुशीनगर मार्ग पर नई आवासीय योजना के विकास के लिए भू उपयोग का प्रस्ताव।

- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की ओर से घोषित प्रतिबंधित क्षेत्र 500 मीटर से घटकर 50 मीटर से 120 मीटर होने के कारण रामगढ़ताल क्षेत्र में 500 हेक्टेयर क्षेत्र

नियोजित विकास के लिए उपलब्ध हो गया है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट साइट (एसडब्ल्यूएम) एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का प्रस्ताव नगरीकरण सीमा के बाहर किया गया है।

- महानगर के प्रमुख मार्गों पर मिश्रित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बाजार स्ट्रीट के रूप में प्रस्ताव किया गया।

- लखनऊ मार्ग एवं सोनौनी मार्ग को जोडऩे वाले रिंग रोड पर औद्योगिक विकास के लिए करीब 700 हेक्टेयर भूमि का प्रस्ताव।

- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे तैयार होने के बाद गोरखपुर लखनऊ, आगरा व दिल्ली से सीधा एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा।