गोरखपुर (ब्यूरो)। महानिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं की तरफ से मलेरिया विभाग को डेंगू से निपटने के लिए अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही डेंगू से बचाव और बीमार पडऩे पर तुरंत डाक्टर्स से दिखाने की सलाह भी दी है। बावजूद इसके गोरखपुर में जगह-जगह पानी जमा है। सरकारी कार्यालयों के परिसर भी इससे अछूते नहीं। ऐसे में अफसर और पब्लिक नहीं जागी तो डेंगू जोरदार डंक मारेगा।

ताकि न पनपने पड़े मच्छर के लार्वा

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सिटी के कई ऐसे सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में देखा कि पानी जमा होने के कारण मच्छरों का आंतक है। सीएमओ ऑफिस, जिला अस्पताल के इमरजेंसी के पास, महिला अस्पताल के पास, रेलवे वर्कशॉप, टीपी नगर आदि एरिया में पानी का जमाव दिखा, लेकिन साफ-सफाई कहीं नहीं नजर आई। सफाई न होने से मच्छर के लार्वा भी पनपने की आशंका है। हालांकि, मलेरिया विभाग का दावा है कि तैयारियां पूरी हैं। जल्द ही टीम गठित कर सिटी के प्रॉमिनेंट लोकेशन पर लार्वा को नष्ट करने के लिए भेजा जाएगा।

पार्कों में हो सकता है लार्वा

मलेरिया अफसर अंगद सिंह ने बताया, पार्कों में जलभराव की वजह से डेंगू का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में जो लोग पार्कों मेंं फाइबर का गिलास, प्लेट व कटोरी फेंक देते हैैं, अगर इसमें थोड़ा सा भी बारिश का पानी भरा रह गया तो उसमें डेंगू के लार्वा आसानी से पनप सकते हैं। दिन में पार्क घूमने जाने वाले लोगों को सक्रिय डेंगू के मच्छर काट सकते हैं।

सोर्स का करना है खात्मा

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि डेंगू के प्रति जागरुकता के सभी संदेश लोगों तक पहुंचाने हैं और मच्छरों की उत्पत्ति के सोर्स का खात्मा करना है। कूलर, गमले, फ्रीज ट्रे, पशु-पक्षियों के पात्र, खुले में फेंके गए टायर आदि सभी ऐसे स्थानों की साप्ताहिक साफ-सफाई डेंगू से बचाव के कारगर उपाय हैं।

शासन से आया पत्र 'हर रविवार मच्छर पर वारÓ

- महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा जारी पत्र में डेंगू माह मनाए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

- पत्र के मुताबिक विभिन्न सरकारी विभागों के लोगों को डेंगू के बारे में अवेयर किया जाना है।

- 'हर रविवार मच्छर पर वारÓ कार्यक्रम को प्रभावी तौर पर लागू करना है।

- पब्लिक को बताया जाए कि कूलर, जल के टैंक, गमले, पशु-पक्षियों के पीने के पात्र, निष्प्रयोज्य सामग्री जैसे नारियल खोल, प्लास्टिक, कप, बोतल की साफ-सफाई व आवश्यकतानुसार निस्तारण किया जाए।

- डेंगू मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 10 बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच बेड आरक्षित किए जाएंगे।

- निर्माणाधीन स्थानों पर मच्छरों का घनत्व कम करने की कार्यवाही होनी है।

- सप्ताह में एक दिन कूलर का पानी अवश्य बदलने का संदेश देने को कहा गया है।

- आशा कार्यकर्ता लोगों को घर-घर पहुंच कर इन सभी संदेशों को पहुंचाएंगी।

- जिलास्तरीय बैठक के बाद प्रत्येक विद्यालय में एक एक शिक्षक को चुन कर स्वास्थ्य शिक्षा दी जानी है और डेंगू के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश है।

- इससे बच्चों और उनके अभिभावकों को बीमारी के बारे में जागरूक करने में मदद मिलेगी।

- डेंगू के प्रति नगर विकास विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज संस्थान, आदिवासी कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, विकास प्राधिकरण, रेलवे, मनोरंजन, सशस्त्र पुलिस बल और नागरिक सुरक्षा जैसे विभागों का संवेदीकरण किया जाएगा।

सरकारी अस्पतालों में फ्री इलाज

सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच व इलाज की फ्री ऑफ कास्ट सुविधा है। एलाइजा टेस्ट जिला स्तर पर सेंटीनल लैब में होता है और डेंगू का पुष्टि इस टेस्ट के बाद ही मानी जाती है । इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तुरंत अस्पताल में संपर्क करें।

यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू

- तेज बुखार

- त्वचा पर चकत्ते

- तेज सिर दर्द

- पीठ दर्द

- आंखों में दर्द

- मसूड़ों से खून बहना

- नाक से खून बहना

- जोड़ों में दर्द

- उल्टी

- डायरिया

बीते सालों में आए डेंगू केस

वर्ष - कुल केस

2017 - 11

2018 - 25

2019 - 114

2020 - 09

2021 - 67

2022 - 318

2023 - 05

(नोट: यह आंकड़े मलेरिया विभाग के अनुसार 6 अगस्त 2023 तक के हैैं.)

बरसात में बीमारियां तेजी के साथ फैलती हैैं। ऐसे में पब्लिक को अपने सेहत के प्रति सजग रहने की जरूरत है। वायरल फीवर, मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों से बचाव जरूरी है। डेंगू से बचाव व एंटी लार्वा का छिड़काव के साथ-साथ उपचार के लिए बेड रिजर्व कर लिए गए हैैं।

- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर