-फास्ट कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया गया टेलीग्राम

-सभी इंफॉर्मेशन के लिए तार के जरिए दी गई सूचनाएं

GORAKHPUR: चौरी चौरा कांड में पुलिस चौकी फूंक दी गई। कई लोग मौके पर मारे गए तो कइयों की बाद में जान चली गई। दस्तावेजों में उस दौर की असल बातें आज भी जिंदा हैं। मोबाइल का पता-ठिकाना नहीं था। कम्युनिकेशन का सबसे बेहतर और आसान तरीका तार यानी कि टेलीग्राम था। चौरीचौरा में हुई घटना के बाद आलाधिकारियों के साथ गवर्नमेंट ऑफिशियल्स तक जल्द बात को पहुंचाने के लिए भी तार का इस्तेमाल किया। अंग्रेज अफसरों ने मंथन करने के लिए गवर्नमेंट को सारी बातें तार के जरिए ही शेयर की। इस दौरान उन्होंने हवा में की गई फायरिंग को गलती मानते हुए, पूरे देश में हवाई फायरिंग पर रोक लगवाने की अपील भी की थी। संस्कृति विभाग के यूपी राजकीय अभिलेखागार में आज भी इसके रिकॉर्ड मौजूद हैं।

फौरन जारी हो गया फरमान

-चौरीचौरा की रिपोर्टिग ब्रिटिश गवर्नमेंट तक पहुंचते ही पूरा अंग्रेजी महकमा हरकत में आ गया।

-इसके बाद गृह विभाग नई दिल्ली की ओर से सभी स्थानीय गवर्नमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन को टेलीग्राम भेजा गया।

-भारत सरकार के सभी जिलों के अधिकारियों को इस बात का ध्यान देने के लिए कहा गया कि वे हवाई फायर न करें और अपने अधीनस्थों का भी ऐसा करने से रोकें।

-ऐसा इसलिए कि भेजे गए लेटर में यह जिक्र किया गया था कि चौरीचौरा की घटना में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हवाई फायरिंग कर दी गई थी।

-इसके बाद क्रांतिकारियों ने उसे हमला समझते हुए पास में मौजूद चौरीचौरा रेलवे स्टेशन के ट्रैक से पत्थर उठाकर पुलिस पर बरसाने शुरू कर दिए थे।

-इसके बाद बचाव में पुलिस को गोली चलानी पड़ी।

लोगों के सामने आम हुए अहम दस्तावेज

चौरीचौरा की घटना के बाद जो अंग्रेजी गवर्नमेंट के बीच जो हलचल हुई, उस रिकॉर्ड को संस्कृति विभाग ने संजो कर रखा हुआ है। चौरी चौरा के 100 साल पूरे होने पर लोगों के लिए इसे आम किया गया। चौरीचौरा शताब्दी समारोह के गवाह बनने के लिए पहुंचे लोगों को इतिहास की हकीकत और उससे जुड़े दस्तावेजों से भी रूबरू होने का मौका मिला। दस्तावेजों पर नजर डालें तो इसमें गवर्नमेंट से कम्युनिकेशन के लिए भेजे गए टेलीग्राम, उस दौर में मीडिया की रिपोर्टिग और पेपर कटिंग भी लगाई गई थीं।