गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि गीडा में स्थापित होने वाली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स को केंद्र सरकार के एमएसएमई (सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम) मंत्रालय से 25 जुलाई को अंतिम अनुमोदन प्राप्त हो गया है। फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना करीब 33 करोड़ रुपए की लागत से की जाएगी। इसमें से 12 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ से अनुदान के रूप में मिलेंगे, जबकि शेष धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार लगाएगी। गीडा के सीईओ का कहना है कि जल्द ही फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण के लिए टेंडर निकाल दिया जाएगा। तीन माह के भीतर निर्माण कार्य शुरू करा देने की तैयारी है।

तीन हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

फ्लैटेड फैक्ट्री में रेडीमेड गारमेंट सेक्टर से जुड़े उद्यमियों को सुविधायुक्त हाल उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे कम पूंजी में भी आसानी से काम कर सकें। फ्लैटेड फैक्ट्री में लगने वाली करीब 80 औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से करीब तीन हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। उधर, गीडा में रेडीमेड गारमेंट पार्क की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इसके लिए 101 भूखंड विकसित किए गए हैं। इन भूखंडों के आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम भी पचास फीसदी से अधिक पूरा कराया जा चुका है। अनुमान है कि यहां लगने वाली रेडीमेड गारमेंट यूनिट्स में करीब दो हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

गोरखपुर की ओडीओपी में शामिल है रेडीमेड गारमेंट

बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को गोरखपुर के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किया है। अक्टूबर 2020 के अंत में ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद इस सेक्टर में उद्यमियों का रुझान तेजी से बड़ा है। उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए रेडीमेड गारमेंट पार्क और फ्लैटेड फैक्ट्री की कार्ययोजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। सीएम योगी की मंशा गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की है।

ओडीओपी में 20 लाख तक का अनुदान

ओडीओपी के तहत रेडीमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर सरकार 20 लाख रुपए तक का अनुदान दे रही है। यूनिट लगाने को आवेदन करने पर किसी भी राष्ट्रीयकृत या अन्य अन्य शेड्यूल्ड बैंक से लोन मिल सकता है। लोन के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) विभाग की ओर से मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। 25 लाख रुपए तक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपए में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देने की व्यवस्था है। 25 लाख से 50 लाख रुपए तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए धनराशि 6.25 लाख रुपए अथवा परियोजना लागत का 20 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी। 50 लाख रुपए से 1.50 लाख (डेढ़ करोड़) तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए 10 लाख या परियोजना लागत का 10 प्रतिशत में से जो भी अधिक हो, वह मार्जिन मनी के रूप में मिलेगी। 150 लाख से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपए में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी।