गोरखपुर (ब्यूरो)।नगर निगम अभी पूरी तरह से शहर को कूड़ा मुक्त करने में लगा है। निगम का मानना है कि मार्च-अप्रैल तक टीम के आने के पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी।

वाटर प्लस के लिए ये है क्राइटेरिया

बता दें कि वाटर प्लस हासिल करने के लिए शहर में किसी भी तरह का ब्लैक अथवा ग्रे वाटर नदी-नालों में नहीं बहना चाहिए और ओपन सीवर भी खत्म होना चाहिए। हालांकि, शहर के नदी-नालों में अभी काफी संख्या में गंदगी नजर आ रही है।

शहर का पानी नदी-नालों में बह रहा

वाटर प्लस सिटी सर्टिफिकेट के लिए अभी अप्लाई न करने के अभी कई कारण हैं। इसमें प्रमुख है यह कि अभी घरों से निकलने वाला पानी नदी-नालों में गिर रहा है। हालांकि, इसके लिए सीवरेज योजना चल रही है, लेकिन इसके पूरा होने में काफी समय है। गंदे पानी को शुद्ध वाटर में बदलने के लिए भी पर्याप्त साधन नहीं हैं। वाटर प्लस हासिल करने के लिए सबसे प्रमुख यह है कि शहर में किसी भी तरह का ब्लैक अथवा ग्रे वाटर नदी-नालों में नहीं बहना चाहिए।

स्वच्छता के लिए अबकी बार 9500 माक्र्स

नगरीय एवं आवासन विभाग ने इस बार 9500 अंक निर्धारित किए हैं। पिछली बार 7500 अंक थे। इसके अलग-अलग पैरामीटर्स पर निगम को नंबर मिलेंगे। सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग पाने के लिए सिटी को पूरी तरह से कूड़ा मुक्त होना होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में वेस्ट प्रोसेसिंग और डिस्पोजल पर नंबर बढ़ाए गए हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 4525 माक्र्स, सर्टिफिकेशन पर 2500 माक्र्स और सिटीजन वायस पर 2475 माक्र्स मिलने हैं। प्रोसेसिंग और डिस्पोजल पर 1830 माक्र्स हैं।

ऐसे होगा अंकों का बंटवारा

4525 प्वाइंट सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए

2500 प्वाइंट सर्टिफिकेशन के लिए

2475 प्वाइंट सिटीजन वॉयस के लिए

सर्टिफिकेट के लिए ऐसी होनी चाहिए व्यवस्था

शहर को पूरी तरह से सीवर कनेक्शन से आच्छादित होना चाहिए

20 परसेंट वाटर को यूज लायक बनाकर कृषि से लेकर अन्य जगहों पर इस्तेमाल करना होगा

वाटर से रेवेन्यू भी नगर निगम को करना होगा।

सिंगल यूज प्लास्टिक भी बाधा

स्वच्छता सर्वेक्षण में सिंगल यूज प्लास्टिक के भी 60 से 70 माक्र्स निर्धारित किए गए हैं। हालांकि शहर में खुलेआम इसका इस्तेमाल हो रहा है। नगर निगम की टीम छापेमारी कर पकड़ रही है, लेकिन यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

वाटर प्लस सिटी सर्टिफिकेट के लिए अगले साल अप्लाई किया जाएगा। हालांकि नगर निगम एलिजिबल है लेकिन पहले अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। नगर निगम नंबर वन रैकिंग हासिल करने की ओर बढ़ रहा है।

- डॉ। मणिभूषण तिवारी, नोडल अफसर, स्वच्छ भारत मिशन