गोरखपुर (ब्यूरो)।जिसके बाद भारी मात्रा में मोबाइल मिलने पर अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। बाल अपचारियों ने बिजली के बोर्ड में भी मोबाइल छिपाकर रखा था। इसके अलावा अन्य जगहों से मोबाइल और चार्जर मिले हैं।

एक- एक कमरों की हुई तलाशी

बाल अपचारियों के पास से इतनी बड़ी संख्या में मोबाइल बरामद देख अधिकारियों के होश उड़ गए। अचानक बाल सुधार गृह में पड़े इस छापे से बाल अपचारियों और वार्डन में अफरातफरी मच गई। दोनों अधिकारियों ने बाल अपचारियों के एक-एक कमरों की तलाशी ली।

अधीक्षक भी नहीं दे पाए जवाब

अपचारियों ने कमरे में लगे बिजली के बोर्ड को खोलकर उसके अंदर मोबाइल छिपा रखा था तो किसी ने जमीन में गड्ढा खोदकर मोबाइल छिपा रखा था। मोबाइल बरामद होने के बाद अधिकारियों ने बाल सुधार गृह के अधीक्षक से इसके बारे में पूछा तो वो कोई जवाब नहीं दे सके।

अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई को लिखेंगे लेटर

एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि बाल अपचारियों के पास से इतनी बड़ी संख्या में मोबाइल मिलना बेहद गंभीर विषय है। इसके लिए वहां के वार्डन और अधीक्षकजिम्मेदार हैं। पूछने पर वे कोई ठोस जवाब भी नहीं दे सके। वार्डन के खिलाफ कार्रवाई को पत्र लिखा जाएगा।

50 की जगह में 170 बाल अपचारी

जबकि, जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह ने बताया कि बाल सुधार गृह की क्षमता फिलहाल 50 बाल अपचारियों की है। लेकिन मौजूदा समय में यहां 170 बाल अपचारी रखे गए हैं। क्षमता से अधिक बाल अपचारी होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गली में खुलती हैं कमरों की खिड़कियां

अभी बाल सुधार गृह सूर्य विहार कॉलोनी में चल रहा है। हालांकि इसे यहां से शिफ्ट करने के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया है। लेकिन प्रमिशन नहीं मिलने की वजह से यहां आवासीय क्षेत्र में ही बाल सुधार गृह बनाया गया है। इसे लेकर यहां के स्थानीय लोग भी कई बार विरोध कर चुके हैं। बाल सुधार गृह के बगल में एक गली है। गली में कई मकान भी हैं। जबकि बाल सुधार गृह के कमरों की खिड़कियां इसी गली में निकलती हैं। ऐसे में अपचारी खिड़कियों की जाली काटकर इधर से आए दिन मोबाइल और अन्य आपत्तिजनक सामान अंदर मंगा लेते हैं।

गली से गुजरने वाली लड़कियों से करते हैं छेड़खानी

सूत्रों की माने तो इस गली में रहने वाली महिलाओं और लड़कियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां से गुजरने के दौरान बाल अपचारी इनपर छींटाकशी भी करते हैं। जिसकी कई बार शिकायत भी की जा चुकी है। बावजूद इसके इसे यहां से शिफ्ट करने को लेकर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया जा सका।