- आरपीएफ ने इंजीनियरिंग विभाग से मांगी सभी आउट हाउसेज की डीटेल

- 351 नंबर बंगले से अटैच आउट हाउस को भी खाली कराने की तैयारी

i followup

GORAKHPUR: रेलवे बंगलों से अटैच आउट हाउसेज में अवैध रूप से रहकर अनैतिक काम करने वालों के खिलाफ आरपीएफ सख्त हो गया है। इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग से सभी आउट हाउसेज की डीटेल मांगी गई है। ताकि यह पता लग सके कि कौन सा आउट हाउस किस बंगले से अटैच है और उनमें किस अधिकारी के कर्मचारी रह रहे हैं। आरपीएफ का मानना है कि अधिकांश बंगलों के आउट हाउसेज में लोग कब्जा कर अवैध रूप से रह रहे हैं। इसके लिए आईजी आरपीएफ राजाराम के निर्देश पर आरपीएफ के अलावा सीआईबी टीम भी लगाई गई है। वहीं 351 नंबर के बंगले से अटैच आउट हाउस में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को हटाने के लिए भी आरपीएफ ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए अब जिला पुलिस की भी मदद ली जाएगी।

गोरखपुर में करीब 150 आउट हाउस

आरपीएफ के मुताबिक एनईआर के सिर्फ गोरखपुर में करीब 150 से अधिक आउट हाउस हैं। जो रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के बंगलों से अटैच तो हैं, लेकिन इनमें अधिकांश में अधिकारियों के कर्मचारी या सहयोगी नहीं बल्कि अवैध रूप से लोग रह रहे हैं। हालांकि इसके लिए महीनों पहले भी इंजीनियरिंग विभाग को पत्र लिखकर डीटेल मांगी गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर दोबारा इसके लिए रिमाइंडर भेजा गया है।

सिर्फ बंगले ही होते हैं खाली

वहीं, आईजी आरपीएफ राजाराम ने बताया कि 351 नंबर के बंगले से अटैच जीएम ऑफिस के बगल में स्थित आउट हाउस के अधिकारी को भी इसके लिए पत्र लिखा गया है। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उसमें रहने वाले लोग कौन हैं। आरपीएफ सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों के ट्रांसफर के बाद रेलवे के बंगले तो खाली हो जाते हैं, लेकिन उनके आउट हाउसेज में रहने वाले लोगों का कब्जा बरकरार रहता है। जिसे रेलवे प्रशासन की उदासीनता की वजह से खाली नहीं कराया जाता है। वहीं, इनमें से अधिकांश आउट हाउसेज में लाइट तो है लेकिन बिजली मीटर नहीं है। जिससे कि इनमें रहने वाले लोग अवैध रूप से बिजली का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।

वर्जन

इंजीनियरिंग विभाग से सभी आउट हाउसेज की डीटेल मांगी गई है। 351 नंबर बंगले से अटैच आउट हाउस को खाली कराने की तैयारियां शुरू हो गई है। जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद लेकर इसे खाली करा दिया जाएगा।

- राजाराम, आईजी आरपीएफ