- कोरोना जांच में खेल, बढ़ा रहे निगेटिव का आंकड़ा

- कोरोना की जांच में निगेटिव आने पर मचा हड़कंप

GORAKHPURÑ

एक तरफ जहां ज्यादा से ज्यादा कोरोना की जांच कर कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम लगी है। वहीं एक अजीबो गरीब मामला आने से कोरोना जांच शक के दायरे में आ गया है। दरअसल, नेपाल लॉज के सामने स्थित रेस्टोरेंट में काम करने वाले इंप्लाई सुधीर चंद्रा 6 अक्टूबर को कोविड जांच कराने पहुंचा। जांच से पहले नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार नंबर ले लिया गया, लेकिन सैंपल नहीं लिया गया। जबकि, मौके पर कहा गया कि तुम्हें सैंपल लेने के लिए बुलाया जाएगा। लेकिन अभी तक न सुधीर को सैंपल लेने के लिए बुलाया गया और ना ही उसके पास कोई फोन ही आया। जब सुधीर ने अपनी कोविड रिपोर्ट को डाउनलोड किया तो लैब रिजल्ट वाले कॉलम में निगेटिव एंटीजन सो कर रहा है। लैब रिजल्ट की डेट भी 7 अक्टूबर है। सुधीर ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि उसका सैंपल लिया ही नहीं गया तो फिर उसकी रिपोर्ट कैसे आ गई? जबकि, कोविड जांच कराने से पहले दुकानों पर आकर ऐसा माहौल बनाया गया गया कि अगर कोविड की जांच नहीं करवाई गई तो दुकानदारों को दुकानदारी नहीं करने दी जाएगी।

दुकानदारों के लिए जांच अनिवार्य

जिला प्रशासन के निर्देश पर सभी दुकानदारों की कोविड जांच अनिवार्य है। इसके लिए मोबाइल वैन सिटी से लेकर रूरल एरिया तक में लगाए गए हैं। नेपॉल लॉज में पिछले तीन महीने से कोविड की जांच नि:शुल्क हो रही है। लेकिन सवाल इस बात का है कि जिस प्रकार से कोविड के केसेज निगेटिव आ रहे हैं। तो क्या नाम, पता, आधार नंबर लेकर बगैर सैंपल लिए ही एंटीजन लैब रिपोर्ट दे दी रही है। हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि जिनकी कोविड जांच कराई जाती है उन सभी के सैंपल लिए जाते हैं। स्वॉब टेस्ट के बगैर एंटीजन या आरटीपीसीआर की जांच संभव नहीं है। जब स्वॉब टेस्ट के बगैर जांच संभव नहीं है तो फिर सैंपल में लिए बगैर ही लौटा क्यों दिया गया?

वर्जन

कोविड जांच में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं की जा रही है। जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। सैंपल क्यों नहीं लिया गया। इसके लिए जिम्मेदार से पूछताछ होगी। फिर से कोविड जांच करवा सकते हैं।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ