- कोरोना वैक्सीनेशन के लिए बनाई जा रही है फ्रंट वारियर्स की लिस्ट

- सभी रजिस्टर्ड क्लीनिक, नर्सिग होम और हास्पिटल के मेडिकल स्टाफ का लिया जा रहा ब्यौरा

GORAKHPUR: कोरोना वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने फ्रंट लाइन वॉरियर्स के 95 परसेंट डाटा कलेक्ट कर लिए हैं। सिटी के आसपास एरिया के कई ऐसे प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिग होम और पैथोलोजी सेंटर भी चिन्हित किए गए हैं, जो हेल्थ डिपार्टमेंट से रजिस्टर्ड ही नहीं है और यह अवैध ढंग से संचालित हो रहे हैं। ऐसे अवैध ढंग से संचालित सेंटर्स के मेडिकल स्टाफ का नाम कोरोना वैक्सीनेशन की लिस्ट में नहीं दर्ज किया जाएगा, बल्कि इनके खिलाफ कार्रवाई की सूची तैयार की जा रही है।

टीम कर रही है मॉनीटरिंग

बता दें, सीएमओ ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक, करीब 95 प्रतिशत लिस्ट तैयार की जा चुकी है। लिस्ट उन्हीं की तैयार की जा रही है, जो हमारे यहां रजिस्टर्ड हैं। क्लीनिक, नर्सिग होम और पैथोलोजी में काम करने वाले स्टाफ जो एलिजिबिल्टी रखते हैं। उसके लिए सेंटर संचालक की तरफ से जो लिस्ट दी जा रही है। उनका नाम दर्ज किया जा रहा है। जो संदिग्ध हैं या फिर अवैध ढंग से संचालित सेंटर्स हैं। उनकी जांच पड़ताल के लिए एडिशनल सीएमओ की टीम भी लगातार मॉनीटरिंग कर रही है। इस दौरान कैंपियरगंज, चौरीचौरा, पीपीगंज, भटहट, बड़हलगंज आदि एरिया में अवैध ढंग से संचालित सेंटर के नाम आए हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है।

दो दिन की और मोहलत

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए ऐसे 667 ऐसे रजिस्टर्ड सेंटर हैं, जिन्हें डिटेल्स देना था, लेकिन इनमें से 591 सेंटर्स ही अब तक डिटेल्स दे सके हैं। जिन्होंने ऐसा नहीं किया है, उन्हें भी दो दिन का मौका दिया गया है। यह वह लोग हैं जो रजिस्टर्ड हैं। लेकिन अनरजिस्टर्ड वाले हैं। उनकी अलग से लिस्ट बनाकर कार्रवाई के लिए लेटर लिखा गया है। सभी स्वास्थ्य इकाइयों को अपने यहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों का ब्यौरा निर्धारित एक्सेल शीट पर मेल करना है।

जो अवैध रूप से संचालित सेंटर्स हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके स्टाफ का ब्यौरा नहीं लिया जाएगा। ऐसे सेंटर्स की सूची तैयार कर आगे कार्रवाई की जा रही है।

- डॉ। नीरज कुमार पांडेय, एडिशनल सीएमओ