गोरखपुर (संतोष गिरि)। बजट में ज्वेलरी इंडस्ट्री को बूस्ट देने की जरूरत है, जिससे कोविड के दौरान परेशान व्यापारियों को राहत मिले। बजट पर हिंदी बाजार, घंटाघर, अलीनगर और गोलघर के व्यापारियों ने सोने-चांदी के बढ़ते दाम और जीएसटी व एक्साइज डयूटी के बारे में और बजट से जुड़ी राहतों पर खुलकर राय दी। सराफा कारोबारियों की डिमांड है कि ऑटो सेक्टर की तरह ज्वेलरी के बिजनेस में भी लोन देने की सुविधा हो, जिससे कस्टमर आसानी से गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकें।
10 तोला गोल्ड ज्वेलरी कैश खरीदने की मिले छूट
ऐश्प्रा के डायरेक्टर अनूप सराफ ने कहा, बजट में सरकार को 10 तोला गोल्ड ज्वेलरी कैश में खरीदने की छूट का ऐलान करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि गरीब से गरीब परिवार

भी अपनी बेटी की शादी मे 100 ग्राम जेवर उसकी सोशल सिक्योरिटी के लिए देता है। इसके अलावा पुराने जेवर की खरीद मूल्य को नए जेवर की बिक्री मूल्य से घटाकर टैक्स लगाने

का प्रावधान करने की जरूरत है। जिससे व्यापारियों के साथ पब्लिक को फायदा हो।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स घटे
सराफा मंडल महामंत्री महेश वर्मा ने कहा, बजट में सरकार को सोना, चांदी, हीरा की खरीद-बिकी के लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 20 परसेंट से घटाकर 10 परसेंट और शॉर्ट टर्म

कैपिटल गेन टैक्स 30 परसेंट से घटाकर 20 परसेंट करना चाहिए। इसके साथ ही ज्वेलरी खरीदने के लिए ऑटो इंडस्ट्री की तरह लोन की सुविधा मिलनी चाहिए, जिससे आम जनता

गोल्ड फाइनेंस कराकर खरीद सके।
इम्पोर्ट ड्यूटी 4 परसेंट हो
ऑल इंडिया ज्वेलरी एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने कहा, सरकार ने पिछले बजट में गोल्ड पर इम्पोर्ट ड्यूटी 12.5 परसेंट से घटाकर 7.5 परसेंट कर दी थी।

हालांकि, अलग-अलग सेस, सरचार्ज और 3 परसेंट जीएसटी मिलाकर सोने पर प्रभावी इम्पोर्ट ड्यूटी 10.75 परसेंट है। ऐसे में इस साल बजट में बेसिक इम्पोर्ट ड्यूटी को 4-5 परसेंट

किया जा सकता है। गोल्ड की ट्रेडिशनल डिमांड है। इसमें फेस्टिव और शादी-ब्याह की डिमांड अहम है। ऐसे में इम्पोर्ट ड्यूटी भी घरेलू कीमतें पर असर डालती हैं। कंज्यूमर्स को राहत

देने और ज्वेलरी इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए सरकार को सोना चांदी के इम्पोर्ट पर कस्टम ड्यूटी 4 परसेंट करनी चाहिए।
इनकम टैक्स के 3 स्लैब हों
व्यापारियों की मांग है कि सरकार इनकम टैक्स के 3 स्लैब रेट 10 परसेंट, 15 परसेंट और 20 परसेंट से ऊपर नहीं होने चाहिए। इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड पर कोई बैंक चार्ज नहीं

लगना चाहिए। सरकार को सेल्स टैक्स की तरह गोल्ड पर 1 परसेंट जीएसटी लगाना चाहिए। आम करदाताओं के लिए बैंक ब्याज पर टैक्स से छूट की लिमिट बढ़ाने की जरूरत है।

अभी रेग्युलर कस्टमर्स को 10,000 रुपए व सीनियर सिटीजन को 50,000 रुपए तक ब्याज की इनकम पर टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा सरकार आयकर दाता से ब्याज के

लेन-देन बैंक सिस्टम के आधार पर करे। तब अच्छा रहेगा।
वर्जन
सरकार को आम बजट में कुछ ऐसा करना चाहिए कि आम जनता को सस्ता सोना मिले। इम्पोर्ट डयूटी भी कम करनी चाहिए। कोविड के चलते थोड़ा मार्केट डाउन है। आम बजट से

सभी लोगों को काफी उम्मीद है।
सुधीर जैन, ऑनर, ऋषभ चंद्र सुधीर कुमार ज्वेलर्स