- हजरत सैयदना शेख अब्दुल कादिर जीलानी की याद में जलसा गौसुलवरा

<- हजरत सैयदना शेख अब्दुल कादिर जीलानी की याद में जलसा गौसुलवरा

GORAKHPUR: GORAKHPUR: हजरत सैयदना शेख अब्दुल कादिर जीलानी की याद में इस्माईलपुर में जलसा-ए-गौसुलवरा हुआ। कुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी की गई। उलेमा-ए-किराम ने हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी के जीवन पर रोशनी डाली। करीब तीन सौ अकीदतमंदों को लंगर-ए-गौसिया खिलाया गया। जलसे के मुख्य वक्ता मौलाना अबुल कलाम ने कहा कि मुसलमानों को अल्लाह की तरफ से जो भी सौगात मिली है, वह पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के सदके में ही मिली है। पैगंबर-ए-आजम के आने से पहले दुनिया भर में जहालत का बोल बाला था और अच्छाई व बुराई की लोगों को कोई पहचान नहीं थी। अल्लाह का लाख-लाख शुक्र और एहसान है कि पैगंबर-ए-आजम को पूरी दुनिया का मालिको मुख्तार और आखिरी पैगंबर बना कर दुनिया में भेजा। पैगंबर-ए-आजम आखिरी नबी व रसूल हैं। आपके बाद नबूवत व रिसालत का दरवाजा हमेशा के लिए बन्द कर दिया गया। आप कयामत तक पूरी कायनात के लिए पैगंबर बना कर भेजे गए। आप सारी कायनात के लिए रहमत हैं।

बेजुबान पर मत करो ज्यादती

विशिष्ट वक्ता हाफिज शारिब इरफान खान ने कहा कि कुरआन-ए-पाक फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैगंबर-ए-आजम का तौर तरीका अपनाओ। पैगंबर-ए-आजम का बताया हुआ रास्ता अपनाओ। पैगंबर-ए-आजम की फरमाबरदारी और पैरवी करो। पैगंबर-ए-आजम की रहमत महज इंसानों के लिए ही नहीं है बल्कि बेजुबान जानवरों, परिंदों के हक में भी आप रहमत हैं। पैगंबर-ए-आजम अपने सहाबा को फरमाया करते थे तुम अल्लाह की बेजुबान मख्लूक पर जुल्म व ज्यादती न करो। बेजुबान जानवरों, चौपायों के बारे में अल्लाह से डरो। पैगंबर-ए-आजम ने फरमाया हर जानदार को खिलाने-पिलाने में सवाब है। लिहाजा हर जानवर के साथ अच्छा सुलूक व रहम किया जाए। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। जलसे में मोहम्मद इरफान खान, कारी नसीमुल्लाह, हाफिज मो। मिनहाजुद्दीन सामानी, मो। अरीब इरफान, कारी हुसैन आलम बरकाती, मो। गुफरान खान, नवेद आलम, मो। आजम, मौलाना शेर अली, रियासत अहमद, मो। शमीम आदि मौजूद रहे।